YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

 मध्‍यस्‍थ की तरह नहीं, प्रकाशक के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  : संसदीय समिति 

 मध्‍यस्‍थ की तरह नहीं, प्रकाशक के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  : संसदीय समिति 

नई दिल्‍ली । सोशल मीडिया को लेकर संसदीय कमेटी ने अहम सिफारिश की है। कमेटी ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मध्‍यस्‍थ की तरह नहीं, उन्‍हें प्रकाशकों या पब्लिशर्स के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उनके प्‍लेटफॉर्म पर प्रकाशित सभी सामग्री के लिए उन्‍हें ही जिम्‍मेदार ठहराया जाना चाहिए। 
संसदीय कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि ऐसे में सभी पब्लिशर्स को पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 पर संसद की संयुक्त समिति (जेसीपी) की रिपोर्ट के अनुसार सभी यूजर्स की पहचान को अनिवार्य रूप से सत्यापित करना होगा। संसदीय समिति ने प्रेस काउंसिल की तर्ज पर इसके लिए एक स्वतंत्र निकाय की स्थापना का भी सुझाव दिया। इससे फेसबुक, ट्विटर और वाट्सएप के भारतीय बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ने की भी आशंका जताई जा रही है।
माना जा रहा है कि इस प्रस्‍ताव को आगामी संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। इसमें संसदीय समिति ने यह भी कहा है कि उन सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म को भारत में काम करने की अनुमति नहीं होगी, जिनकी पैरेंट या सहयोगी कंपनी का देश में कहीं ऑफिस नहीं होगा। सोशल मीडिया बिचौलियों (समिति) को विनियमित करने की तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह एक मजबूत विचार है कि ये नामित मध्यस्थ कई स्थितियों में सामग्री के प्रकाशक के रूप में काम कर सकते हैं, इस तथ्य के कारण कि उनके पास सामग्री लेने वाले का चयन करने की क्षमता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके द्वारा होस्ट की गई ऐसी किसी भी सामग्री तक पहुंच पर भी नियंत्रण रखा जाए।
जेसीपी रिपोर्ट में सोशल मीडिया तंत्र को लेकर मौजूदा कानूनों को अपर्याप्‍त बताया गया है। यह भी बताया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आईटी अधिनियम के तहत मध्यस्थों के रूप में नामित किया गया है। इस रिपोर्ट को दो साल के विचार-विमर्श के बाद सदस्यों द्वारा अपनाया गया था। अब अगले हफ्ते से शुरू होने वाले संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान इसे पेश किए जाने की उम्मीद है।
 

Related Posts