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 ऐपल ने पेगासस बनाने वाली कंपनी पर केस दर्ज कर की आईफोन टार्गेट करने से रोकने की मांग

 ऐपल ने पेगासस बनाने वाली कंपनी पर केस दर्ज कर की आईफोन टार्गेट करने से रोकने की मांग

वॉशिंगटन । सिलिकॉन वैली की दिग्गज कंपनी ऐपल ने इजरायली स्पाईवेयर पेगासस बनाने वाली कंपनी पर मुकदमा दायर किया है। इस मुकदमे के जरिए एपल ने एनएसओ समूह को प्रचलन में मौजूद एक बिलियन आईफोन्स को टारगेट करने से रोकने की कोर्ट से मांग की है। एपल द्वारा दायर किए गए मुकदमे ने एनएसओ समूह की परेशानी को और बढ़ा दिया है। 
दरअसल एनएसओ समूह हाल के दिनों में विवादों के केंद्र में रहा है, जिसके सॉफ्टवेयर पेगासस स्पाईवेयर के द्वारा दुनिया भर में नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी का आरोप लगा है। अमेरिकी अधिकारियों ने कुछ हफ्ते पहले एनएसओ को ब्लैक लिस्ट कर दिया था। ब्लैक लिस्ट किए जाने का मकसद यह था कि अमेरिकी समूहों द्वारा सॉफ्टवेयर के निर्यात को रोका जाए। दरअसल आरोप यह भी लगाया जा रहा था कि इजरायल की कंपनी ने विदेशी सरकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेगागस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल में सक्षम बनाया है।
अमेरिका स्थित कैलिफोर्निया की फेडरल कोर्ट में दायर मुकदमे पर एपल ने अपने बयान में कहा अपने यूजर्स के उत्पीड़न और उनको आगे नुकसान से बचाने के लिए एपल एनएसओ ग्रुप पर स्थाई रोक चाहता है। इसके साथ ही यह भी कि एनएसओ समूह ऐपल के किसी सॉफ्टवेयर, सर्विस या डिवाइस का उपयोग नहीं कर सकता है।
आईफोन निर्माता कंपनी ने अपने मामले में लिखा प्रतिवादी कुख्यात हैकर हैं- 21वीं सदी के स्वार्थी लोग, जिन्होंने अत्यधिक परिष्कृत साइबर-निगरानी मशीनरी बनाई है, जो नियमित और प्रमुख तौर पर दुरुपयोग को आमंत्रित करती है। एनएसओ समूह ने कहा कि उसने किसी भी तरह की गलती नहीं की है। उसने दावा किया कि पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सरकारों द्वारा आतंकवाद और अन्य अपराधों से लड़ने में किया जाता है। 
एनएसओ ग्रुप ने कहा बच्चों का शोषण करने वाले और आतंकी तकनीकी रूप से सुरक्षित माहौल में आसानी से साजिश रच सकते हैं, हम सरकारों को एक वैधानिक टूल्स देते हैं कि वे इन खतरों से मुकाबला कर सकें। एनएसओ ग्रुप अगले दिनों में भी सच्चाई के लिए लड़ता रहेगा। उल्लेखनीय है कि जिस किसी स्मार्टफोन में पेगासस पहुंच जाता है, वह एक तरीके से जासूसी डिवाइस बन जाता है। इसके बाद फोन पर मिलने वाले किसी भी संदेश को पढ़ा जा सकता है। उनकी फोटो देखी जा सकती है और लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है। यहां तक कि यूजर को पता चले बिना कैमरे को भी स्टार्ट किया जा सकता है। एपल ने कहा है कि दुनिया भर में 1.65 बिलियन एक्टिव डिवाइस हैं, जिनमें एक बिलियन से ज्यादा आईफोन हैं। 
एनएसओ के खिलाफ एपल द्वारा दायर यह मुकदमा पहला मामला नहीं है। फेसबुक ने 2019 में एनएसओ समूह के खिलाफ केस फाइल किया था। फेसबुक ने आरोप लगाया था कि उसके व्हाट्स ऐप मैसेंजर के जरिए पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य जानी मानी हस्तियों की जासूसी को अंजाम दिया गया। कैलिफोर्निया की फेडरल कोर्ट में दायर मुकदमे में कहा गया था कि कुल 1400 डिवाइस को पेगासस के द्वारा टारगेट किया गया और मैसेजिंग ऐप के जरिए यूजर्स की महत्वपूर्ण जानकारियां चुराई गईं।
एनएसओ के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। यह समूह पहले से ही 500 मिलियन डॉलर के कर्ज में डूबा है। 
कंपनी लीडरशिप में बदलाव हुआ है और अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद फ्रांस ने सॉफ्टवेयर खरीदने से मना कर दिया है। उल्लेखनीय है कि पेगासस को लेकर दुनिया भर में फैली चिंताओं के चलते एपल ने सितंबर में सभी आईफोन्स में कमियों को दुरुस्त किया है, जिनके जरिए एनएसओ के सॉफ्टवेयर के घुसने की आशंका थी, कहा जाता है कि पेगासस किसी भी फोन में एंट्री कर सकता है और इसके लिए उसे किसी यूजर द्वारा मैसेज या लिंक पर क्लिक किए जाने की जरूरत नहीं है। 
 

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