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पंजाब राज्य की महिलाओं को 1000 रूपये देने की चुनावी घोषणा करने से पहले केजरीवाल दिल्ली की महिलाओं को क्यों नहीं देते? : कृष्णा तीरथ

पंजाब राज्य की महिलाओं को 1000 रूपये देने की चुनावी घोषणा करने से पहले केजरीवाल दिल्ली की महिलाओं को क्यों नहीं देते? : कृष्णा तीरथ

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार की पूर्व मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने आज दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित प्रैस वार्ता में संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुऐ कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द ने दिल्ली की महिलाओं के साथ वादा खिलाफी की है। वें पंजाब में जाकर वहां की महिलाओं को सशक्त करने, महिला सुरक्षा प्रदान करने तथा 1000 रूपए महीना देने का वादा कर रहे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द को पंजाब में जाकर झूठे वादें करने से पहले दिल्ली की महिलाओं से किए गए वादों को पूरा करें और अरविन्द सरकार को दिल्ली की महिलाओं को मासिक भत्ता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वें दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते दिल्ली की महिलाओं को सशक्त करना तो दूर वें महिलाओं की सुरक्षा तक नहीं कर नहीं पा रहे है, आंकड़ों के अनुसार भारत की राजधानी दिल्ली में प्रतिदिन 6 बलात्कार हो रहे। आज की इस प्रैस वार्ता में श्रीमती कृष्णा तीरथ के अलावा दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्षा अमृता धवन, मीडिया संचार विभाग के वाईस चैयरमेन अनुज अत्रेय भी मौजूद थे।
श्रीमती कृष्णा तीरथ ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द अन्य राज्यों में जाकर महिलाओं को लेकर झूठे वादे कर रहे है लेकिन वें अपने ही राज्य दिल्ली में महिलाओं से किए गए वादें पूरे तक नहीं कर पा रहे है, उन्होंने दिल्ली की महिलाओं को दिल्ली मेट्रों में फ्री सफर का वादा किया था और कांग्रेस की सरकार द्वारा शुरू की गई लाड़ली योजना को भी अरविन्द केजरीवाल ने ठप्प कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अरविन्द ने दिल्ली की महिलाओं के साथ वादा खिलाफी की है उसी प्रकार वे पंजाब की महिलाओं के साथ भी करना चाहते है, वें उन्हें 1000 प्रतिमाह देने का झांसा दे रहे है, उन्होंने कहा कि अरविन्द जी पहले सभी योजनाओं को दिल्ली में लागू करें जो वे अन्य राज्यों में लागू करने की बात कह रहे है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं की संख्या 1 करोड़ 10 लाख है, अगर अरविन्द इस योजना को लागू करते है तो कुल 11300 करोड़ बजट के आसपास खर्च होगा जबकि पंजाब राज्य का जीएसटी राजस्व ही प्रतिवर्ष 11800 करोड़ है। उन्होंने अरविन्द द्वारा महिलाओं के खाते में 1000 प्रतीमाह रूपए दिए जाने की घोषणा को मात्र एक चुनावी जुमला बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की महिलाओं के घोर विरोध के बावजूद केजरीवाल दिल्ली में जगह-जगह शराब की दुकानें खोल रहे है और दिल्ली की महिलाओं की आपत्ति के बावजूद अरविन्द सरकार घर-घर शराब की डिलीब्री की तैयारी भी कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला कांग्रेस अरविन्द सरकार की शराब की इस नई नीति के विरूद्ध दिल्ली के कोने-कोने में विरोध करते हुऐ आन्दोलन कर रही है।
इस प्रैस वार्ता में मौजूद दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्षा अमृता धवन ने कहा कि शीला दीक्षित ने वर्ष 2008 में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लाडली योजना शुरू की थी, महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता देने का काम शुरू किया था लेकिन अरविन्द सरकार के राज में कांग्रेस द्वारा शुरू की गई महिलाओं के उत्थान के लिए योजनाएं ठप्प पड़ी है। उन्होंने लाड़ली योजना के बारे में बताते हुए कि इस योजना के अन्तर्गत कुल 36000 हजार रूपये अस्पताल में तथा 35000 रूपये बिना अस्पताल में जन्म लेने वाली बच्चियों के खातें में दिया जाता था। उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित जी की इसी दूरदर्शी योजना का  ही परिणाम है कि आज न केवल लड़कियों का नामांकन दिल्ली के विद्यालयों में बढ़ा बल्कि छात्राओं ने छात्रों से भी बेहतर परिणाम दिए। इस योजना के माध्यम से 2008 से 2020 तक 10.64 लाख बच्चियों को फायदा मिला है लगभग 3 लाख बच्चियों के खाते में 404 करोड़ की राशि मेच्योर्टी के बाद ट्रांसफर भी हो चुकी है लेकिन आज दिल्ली के मुख्मंत्री अरविन्द ने लाडली योजना को पंगु बना कर रख दिया है।
अमृता धवन ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली की महिलाओं के साथ धोखा  ही नहीं बल्कि अन्याय भी किया है, आज दिल्ली में प्रतिदिन 6 बलात्कार हो रहे है और दोषी खुली हवा में स्वांस ले रहे है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द ऐसे बलात्कारियों को सजा देना तो दूर वें उन्हें ढूंड तक नहीं पा रहे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द को महिलाओं के समाजिक व आर्थिक विकास की कोई परवाह ही नहीं है और न ही महिलओं के अर्थिक विकास के लिए बजट आवंटित करते है। वर्ष 2013-14 में शीला दीक्षित सरकार के दौरान जब दिल्ली का बजट 39000 करोड़ था तो इस योजना के अन्तर्गत 113 करोड़ की राशि आवंटित हुई और आज जब दिल्ली का बजट बढ़कर 69000 करोड़ हो गया है तो यह राशि घटकर 100 करोड़ ही रह गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल से पहले 2019-20 में 100 करोड़ का बजट था जिसका केवल 85.30 करोड़ ही खर्च हुआ। उन्होंने  कहा कि केजरीवाल के सात वर्षों के दौरान लाड़ली योजना का न तो बजट बढ़ा और न ही बजट में आवंटित पूरी राशि खर्च हुई।
श्रीमती कृष्णा तीरथ ने कहा कि अरविन्द कांग्रेस द्वारा बनाई योजनाओं को भी लागू नहीं कर पा रहे है। उन्होंने कहा कि अरविन्द ने लाड़ली योजना को तो पंगु बना दिया है और अरविन्द सरकार सामाजिक सुरक्षा से जुड़े पेंशन योजनाओं में एक भी नया लाभार्थी नहीं जोड़ सकी और विधवा पेंशन योजना में नए लाभार्थी का नाम जुड़ना भी बन्द है। उन्होंन कहा कि पिछले 7 सालों से जब से आप पार्टी की सरकार सत्ता में आई है तब से एक भी नया राशन कार्ड नहीं बना है और लगभग 54 लाख लोगों के राशन कार्ड पेंडिंग है। 
 

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