लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अभी लखनऊ, कुशीनगर और वाराणसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है। जेवर प्रदेश का पांचवां इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। पीएम नरेन्द्र मोदी आज इसका शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही प्रदेश में एक तरह से एयरपोर्ट का जाल सा दिखने लगा है।प्रदेश से 80 जगहों के लिए फ्लाइट की सुविधा है। लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाराणसी शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर पश्चिम में बना है। इसे अक्तूबर, 2012 में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा मिला था। यहां से दिल्ली, काठमांडू, खजुराहो, लखनऊ, मुंबई, बैंकॉक, चेन्नई और कोलंबो के लिए उड़ान सेवाएं मिलती हैं। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, लखनऊ 1986 में बनकर तैयार हुआ था। यहां से हर साल 50 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं। यहां से प्रतिदिन 160 से अधिक हवाई जहाजों का संचालन होता है। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट 589 एकड़ में 260 करोड़ की लागत से बना है। इसके रनवे पर हर घंटे आठ फ्लाइट आ-जा सकती हैं। यहां से श्रीलंका, जापान, चीन, ताइवान, साउथ कोरिया, थाईलैंड, सिंगापुर और वियतनाम के लिए सीधे फ्लाइट मिलती हैं। आगरा एयरपोर्ट, प्रयागराज एयरपोर्ट, बरेली एयरपोर्ट, हिंडन हवाई अड्डा, गोरखपुर एयरपोर्ट, कानपुर एयरपोर्ट कानपुर के चकेरी में एयरपोर्ट है। यह शहर से 17 किलोमीटर दूर है। वर्तमान में यहां से दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, बेंगलुरु और गोवा के लिए उड़ान मिलती हैं। इसे वायुसेना के लिए बनाया गया था। गाजियाबाद में हिंडन एयरपोर्ट है। यह हिंडन वायु सेना स्टेशन पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से संचालित होता है। यह 22050 वर्गमीटर जमीन पर बना है। इसके टर्मिनल भवन में प्रति घंटे 300 यात्रियों की सेवा करने की क्षमता है। महायोगी गोरखनाथ हवाईअड्डा गोरखपुर में है। यह एक सैन्य हवाई अड्डा है। यह शहर से पांच किलोमीटर दूर है। यहां से घरेलू उड़ानें मिलती हैं। 22.5 करोड की लागत से बने इसके टर्मिनल का कुल क्षेत्रफल 23500 वर्ग फीट है।
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यूपी में बिछ रहा नेशनल और इंटरनेशनल एयरपोर्ट का जाल