नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है। विशेष सत्र का मुद्दा क्या होगा इस पर सरकार ने अभी तक कुछ साफ नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन के एक साल पूरे हो रहे हैं। किसान आंदोलन के साथ शुरुआत से खड़ी रही आम आदमी पार्टी सदन में कृषि कानूनों और किसानों की बात ही करेगी। उसपर चर्चा भी करा सकती है। हालांकि, विपक्ष वहीं उन्हें घेरने के लिए तैयार है। विपक्ष का कहना है कि दिल्ली सरकार अपने अधिकार क्षेत्र में जनता के मुद्दों पर न तो बात करती है और हम जब बात करना चाहते हैं तो हमें मौका नहीं दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार एक दिवसीय सत्र में किसानों, कृषि कानूनों को वापस होने में आम आदमी पार्टी वाली दिल्ली सरकार की भागीदारी पर चर्चा करेगी। साथ ही वह शहीद किसानों को लेकर भी चर्चा करेगी। जानकार बताते हैं कि पंजाब में चुनाव है। सरकार कृषि कानूनों को वापस होने का फायदा पंजाब के आगामी विधानसभा चुनावों में लेना चाहती है। इसलिए आंदोलन के एक साल पूरे होने वाले दिन ही विशेष सत्र बुलाकर किसानों के मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती है। उधर दिल्ली विधानसभा प्रशासन ने विशेष सत्र को लेकर कोविड प्रोटोकॉल का नियम लागू कर दिया है। सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सदन में विधायकों के बैठने की व्यवस्था पहले से तय नहीं होगी। सिर्फ मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सभी कैबिनेट मंत्री के अलावा नेता प्रतिपक्ष और चीफ व्हिप के बैठने की जगह तय होगी। बाकी विधायक पहले आएं, पहले पाएं के आधार पर बैठेंगे दिल्ली विधानसभा के शुक्रवार को होने वाले एक दिवसीय विशेष सत्र में दिल्ली के मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चा के लिए नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस भेजा है। उनका आरोप है कि दिल्ली सरकार सदन में सिर्फ वही मुद्दे उठा रही है जिसका दिल्ली के लोगों से कोई लेना देना नहीं है। सदन में प्रतिनिधियों को स्थानीय मुद्दे उठाने तक का मौका नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि विशेष सत्र के दौरान भाजपा ने जानलेवा प्रदूषण, वैट के कारण महंगा पेट्रोल-डीजल, नई आबकारी नीति और दिल्ली के किसानों के मुद्दे जोर-शोर से उठाने का फैसला किया है।
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दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र किसानों पर मंथन कर सकती है सरकार