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लाड़ली लक्ष्मी योजना से आत्मनिर्भर होती बेटियां 

लाड़ली लक्ष्मी योजना से आत्मनिर्भर होती बेटियां 

    महिला स्वावलम्बन की दिशा में मध्यप्रदेश ने अनेक योजनाओं को लागू किया है, इन्हीं में से एक है लाड़ली लक्ष्मी योजना।  इस योजना का अनुसरण  देश के कई राज्य कर चुके हैं। पढ़ायी -लिखायी से लेकर खेलों तक बेटियों की सफलता पर  गौरवांवित  होने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शब्दों में श्श्हम बालिकाओं को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। पढ़ायी लिखायी से लेकर विवाह तक उन्हें हर संभव मदद की जायेगी।श्श् मुख्यमंत्री का यह कथन बेटियों के समग्र विकास के लक्ष्य को प्रमाणित करता है। मध्यप्रदेश में बेटियों के स्वावलम्बन तथा उनकी समृद्धि की दिशा में हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। बालिकाओं की समृद्धि से खुशहाली आयेगी, इसे .ष्टिगत रखकर लिया गया सरकार का हर एक  फैसला प्रदेश के विकास के लिये मील का पत्थर साबित होगा। याद रहे कि मध्यप्रदेश में पिछले कई दशकों से  एक ऐसी सरकारी  योजना की कमी खलती थी जिससे गरीब वर्ग की कन्याओं के उन माता पिता को सहारा मिले जो बेटी  को अपने पैरों पर  खड़ा करना चाहते हैं। उन गरीब माता पिता के दर्द को जाना मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने और जुट गए एक ऐसी योजना तैयार करने जो उक्त दिशा में मील का पत्थर साबित हो। फिर लाड़ली लक्ष्मी योजना की अभिनव पहल की शुरुआत हुयी। देखते ही देखते हजारों बेसहारा निर्धन कन्याएं स्वावलम्बी बन गयीं। अनेकों शादी कर अपना घर बसा चुकी हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना का अनुसरण देश के कई राज्य कर रहे हैं क्योंकि निश्चित रूप से इससे  प्रदेश में जनसंख्या वृद्धि दर तथा बाल विवाह में कमी आयेगी। स्वास्थ्य में सुधार भी परिलक्षित होगा,लिगांनुपात में सकारात्मक परिवर्तन के साथ परिवार नियोजन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।  
          मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना को लागू किये एक दशक से अधिक का समय  बीत चुका है, इस दौरान प्रदेश भर की लाखों कन्याओं को इसका लाभ मिला है। मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना को आरम्भ हुए लगभग तेरह वर्ष बीत चुके हैं। इस अवधि में उक्त योजना के अन्तर्गत 40 लाख 22 हजार बालिकाओं की पहचान की गई। इनमें से लगभग 8 लाख से अधिक बालिकाओं को योजना का लाभ मिल चुका है। लाड़ली  लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत सर्वाधिक इन्दौर जिले में 1 लाख 70 हजार बालिकाएं चिन्हित हुयीं जबकि जबलपुर में 1 लाख 49 हजार, छिंदवाड़ा में 1 लाख 44 हजार, सागर में 1 लाख 39 हजार, भोपाल में 1 लाख 26 हजार, तथा रीवा में 1 लाख 18 हजार बालिकाओं की पहचान कर योजना से जोड़ा गया है। इनमें अधिकांश को योजना का लाभ भी मिल चुका है। विगत्् 14 अक्टूबर को भोपाल के मिंटों हाल में लाड़ली लक्ष्मी योजना पर केन्द्रित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश भर की 21 हजार 650 बालिकाओं के खातों में 5 करोड़ 99 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर की ।  लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत्् अब राज्य में किसी भी गरीब के घर जन्म लेने वाली कन्या अपने माता -पिता और परिजनों पर  इसलिए बोझ नहीं बनेगी क्योंकि उसके लालन -पालन से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और शादी तक हर कार्य में मदद के लिये अब उसके साथ सरकार की सहभागिता होगी। लड़की जिस घर में जायेगी लखपति बनकर जायेगी। कन्या के प्रति माता पिता, परिजनों से लेकर ससुराल तक का तथा सम्पूर्ण समाज का .ष्टिकोण बदला हुआ होगा। उसके प्रति सर्वत्र स्नेह,सहानुभूति और सम्मान का वातावरण होगा और फिर पता चलेगा कि कन्या भूण हत्या की उस सामाजिक बुराई का सदा-सदा के लिये खात्मा हो गया है जिसके तहत्् कन्या के जन्म को अशुभ माना जाता था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शब्दों में श्श्बेटियों के बारे में समाज में पायी जाने वाली नकारात्मक सोच, लड़कों के मुकाबले उनकी कम होती संख्या,बालिका शिक्षा की कमजोर स्थिति, बेटियों को जल्दी ब्याह देने की  प्रवृत्ति  जैसी समस्याएं मुझे हमेशा से कचोटती और झंकझोरती रही हैं। उनके लिए कुछ सकारात्मक करने की तड़प मेरे मन में सदा से रही है। सौभाग्य से राज्य की बेटियों के हित में कुछ करने और अपनी सोच को अमलीजामा  पहनाने का मौका  मुझे प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद मिला। मैंने बिना देरी किए बालिकाओं के सर्वागींण विकास को सुनिश्चित बनाने वाली योजनाएं बनाने का निश्चय किया। मेरे इस निश्चय के परिणामस्वरुप बनी योजनाओं में से एक है लाड़ली लक्ष्मी योजना।श्श् 
            बदलते सामाजिक परिवेश के साथ बेटियों के प्रति लोगों का .ष्टिकोण भी बदल रहा है। यही वजह है कि अनेक क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ बालिकाओं ने अपना वर्चस्व स्थापित किया। हाल ही में आये कुछ प्रतियोगी परिक्षाओं के परिणाम तथा अनेक खेल आयोजनों में बेटियों ने अपना परचम लहराया है। ऐसे में यदि उन्हें कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ मिले तो वे अपने पैरों पर खड़ी होकर दिखला सकती हैं। संतोष की बात है कि शिवराज सरकार से मिल रहे  प्रोत्साहन और इस दिशा में हो रहे प्रयासों से हमारे प्रदेश की बेटियां दुनिया भर में  मध्यप्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। सरकार के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं की भी इसमें भागीदारी सुनिश्चित होना चाहिये। पिछले दिनों आये एक सर्वे के मुताबिक दुनिया में जितनी भी महिला पायलट हैं उनमें सर्वाधिक संख्या भारतीय युवतियों की है। सिर्फ उड़ान का क्षेत्र ही नहीं बल्कि खेल तथा शिक्षा के  क्षेत्र  में भी बेटियां  नित्् नये कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। आवश्यकता उन्हें प्रोत्साहन तथा सुरक्षित माहौल देने की है। हम इस बात को दावे के साथ कह सकते हैं कि बतौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने डेढ़ दशक लम्बे कार्यकाल के दौरान बेटियों की दुनिया में  मुस्कान बिखेरी है। बेटियों के विकास के लिये प्रतिबद्ध शिवराज सरकार प्रदेश में ऐसा माहौल तैयार कर रही है जहाँ बेटियां आसमां से कहेंगी.....थोड़ा और ऊँचा उठ जाओ................। 

(लेखक- निलय श्रीवास्तव )
 

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