दक्षिण भारत के एक जूनियर इंजीनियर साहब के घर के ड्रेन पाईप से एंटी करप्शन ब्यूरो ने पांच सौ रुपये के ढ़ेर से बंडल ढ़ूंढ़ निकाले और चोक नाली से जल की अविरल धारा पुनः बह निकली. अब इन जाँच एजेंसियो को कौन बताये कि रुपये कमाना कितना कठिन है। घोटाले , भ्रष्टाचार , कमीशन , हफ्ता , पुलिसिया वसूली , माफिया , शराब , ड्रग्स , सेक्स रैकेट , वगैरह कुछ लोकप्रिय फार्मूले हैं जिनमें रातो की नींद दिन का चैन सब कुछ दांव पर लगाना पड़ता है , तब कहीं बाथरूम की दीवारों , छत की सीलिंग , फर्श या गद्दे में छिपाने लायक थोड़े से रुपये जुट पाते हैं। अपने और परिवार के सदस्यो यहां तक कि कुत्ते बिल्ली के नाम पर सोना चांदी , चल-अचल संपत्ति अर्जित करना हंसी खेल नही होता। उनसे पूछिये जिन्होंने ऐसी अकूत कमाई की है। अरे मन मारना पड़ता है तरह तरह के समझौते करने पड़ते हैं , गलत को सही बताना पड़ता है। किसी की बीमारी की मजबूरी में उससे रुपये ऐंठने के लिये कितना बेगैरत बनना पड़ता है , यह किसी भी ऐसे डाक्टर से पूछ लीजीये जिसने महामारी की आपदा में अवसर तलाश कर रुपये बनायें हों। जांच के दौरान संपत्ति का कोई हिसाब-किताब नहीं दे पाने का रुतबा हासिल करना बिल्कुल सरल नही होता। ऐसे बड़े लोगों के ड्राइवर , नौकर , कर्मचारी भी उनकी बेनामी संपत्तियो के आफिशियल मालिक होते हैं। नेता जी , सरकारी अफसर , ठेकेदार , डाक्टर जिसे जहाँ मौका मिल पाता है अपने सारे जुगाड़ और योग्यता से संम्पत्ति बढ़ाने में जुटे दिखते हैं। दूसरी ओर आम आदमी अपना पसीना निचोड़ निचोड़ कर महीने दर महीने बीमा की किश्तें भरता रहता है और बैंक स्टेटमेंट्स में बढ़ते रुपयो को देखकर मुंगेरीलाल के हसीन सपनों में खोया रहता है। वैसे रुपये कमाना जितना कठिन है , उन्हें संभालना उससे भी ज्यादा मुश्किल। माया बड़ी ठगनी होती है। सही निवेश न हो तो मेहनत से कमाई सारी संपत्ति डेप्रिशियेशन की भेंट चढ़ जाती है। शेयर बाजार बड़ों बड़ो को रातों रात सड़क पर ले आने की क्षमता रखता है।
आई ए एस के साक्षात्कार में पूछा गया यदि 2 करोड़ रुपये १० मिनट में छिपाने का समय मिलता हैं तो आप कया करेंगे ? उम्मीदवार का उत्तर था मैं ऑनलाइन आयकर विभाग को स्वयं सूचित करूँगा और उनको जानकारी दूंगा कि मेरे पास 2 करोड़ रुपये अघोषित धन हैं. मै इस 2 करोड़ पर जितना कर और जुर्माना बनता हैं सब जमा करना चाहता हूँ. जितना कर और जुर्माना निर्धारित होगा उसे जमा कर दूंगा. इसके बाद जो भी धनराशि बचेगी वह सफ़ेद धन बन जाएगी और उसे म्यूचुअल फंड में निवेश कर दूंगा. कुछ ही वर्षों में वह बढ़कर 2 करोड़ से ज्यादा हो जायेगी। उम्मीदवार का चयन कर लिया गया। नियम पूर्वक चलना श्रेष्ठ मार्ग होता है। रुपयों को रोलिंग में बने रहना चाहिये। लक्ष्मी मैया सदा ऐसी कृपा बनायें रखें कि अच्छा पैसा खूब आये और हमेशा अच्छे कामों में लगता रहे। सद्कार्यो में किया गया निवेश पुण्य अर्जित करता है और पुण्य ही वह करेंसी है जो परलोक में भी साथ जा सकती है। शायद इसीलिये धर्माचार्य भले ही स्वयं अपने आश्रमो में लकदक संग्रह करते हों पर अपने शिष्यों को यही शिक्षा देते नजर आते हैं कि रुपया हाथ का मैल है। दान दया ही माया को स्थायित्व देते हैं। तो यदि घर के ड्रेन पाईप से रुपयों की बरामदगी से बचना हो तो मेक इट योर हेबिट टु ड्रेन आउट द मनी इन गुड काजेज एण्ड हेलपिंग अदर्स।
(लेखक- विवेक रंजन श्रीवास्तव )
आर्टिकल
(व्यंग्य) जाँच एजेंसियो को कौन बताये कि रुपये कमाना कितना कठिन है