जेनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक सलाहकार समिति ने दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस के नए प्रकार को ‘बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है और ग्रीक वर्णमाला के तहत इसे ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की ओर से की गई यह घोषणा पिछले कुछ महीनों में वायरस के नए प्रकार के वर्गीकरण में पहली बार की गई है।
इसी वर्ग में कोरोना वायरस के डेल्टा प्रकार को भी रखा गया था जिसका प्रसार दुनियाभर में देखा गया था। तेजी से फैलने वाले वैरिएंट के सामने आने के बाद से यह डर बढ़ गया है कि यह संभावित रूप से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ओमीक्रॉन की वजह से कई देशों को प्रभावित क्षेत्रों से यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इससे दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी से गिरावट आई है।
इस वैरिएंट की घोषणा गुरुवार को साउथ अफ्रीका में वैज्ञानिकों ने की थी। अब यह दो अन्य देशों इजरायल और बेल्जियम में भी पाया गया है।
इससे पहले बोत्सवाना और हांगकांग में इसके मामले सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अब तक वैरिएंट के लगभग 100 जीनोम अनुक्रमों की सूचना मिली है। गौर करने वाली बात यह है कि कई संक्रमित व्यक्तियों को पूरी तरह से वैक्सीन लग चुकी थी। इसमें इजरायल का एक व्यक्ति भी शामिल है जिसे वैक्सीन की बूस्टर डोज भी दिया जा चुका था। अब तक के वैज्ञानिक विश्लेषण से पता चलता है कि नया वैरिएंट डेल्टा सहित किसी भी अन्य स्वरूप की तुलना में तेजी से फैल रहा है। इसका सबूत टीका लगवा चुके लोगों का संक्रमण की चपेट में आना है। यह संकेत है कि इस वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रभाविकता पर भी असर पड़ सकता है।
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कोरोना के नए वैरिएंट के आगे वैक्सीन, बूस्टर डोज सब फेल, डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रॉन को माना बड़ा खतरा