
नई दिल्ली । शेरनी जैसी भूखी होती है, वैसे ही भूखी हूं-ये शब्द हैं सबसे छोटी फोगाट सिस्टर रितु फोगाट के, जो इतिहास रचने की तैयारी में हैं। 2 साल पहले पहलवानी से मिस्क्ड मार्शल आर्ट यानी एमएमए में कदम रखने वाली रितु वन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई है और 3 दिसंबर को खिताब के लिए थाईलैंड की स्टैंप फेयरटैक्स से उनका मुकाबला है। इस मुकाबले को लेकर ही उन्होंने कहा कि वह शेरनी की भांति जीत के लिए भूखी हैं। अगर रितु फेयरटैक्स को हरा देती हैं तो वह देश की पहली एमएमए चैंपियन बन जांएगी। इस बड़े मुकाबले से पहले रितु ने खास बातचीत में कहा कि वह 3 दिसंबर को दिखा देंगी कि भारत के फाइटर्स क्या कर सकते हैं।
एमएमए की रिंग में उतरे रितु को ज्यादा समय नहीं हुआ है, मगर अभी तक उनका सफर शानदार रहा। खासकर इस साल। उन्होंने कहा कि इस साल मैंने 4 मैच जीते हैं। हर मैच में कुछ नया सीखा। तकनीक में सुधार हुआ है और दिन पर दिन मेरा खेल निखर रहा। फेयरटैक्स जैसी अनुभवी खिलाड़ी के खिलाफ उनका गेम प्लान क्या होगा, इस पर भारतीय स्टार ने कहा कि मैं अब 3 दिसंबर को ही इसे दिखाऊंगी। फेयरटैक्स का टेकडाउन काफी अच्छा है, मगर उनके लिए गेम प्लान बना हुआ है। 3 दिसंबर वाले मैच में मैं अपना सब कुछ लगा दूंगी।
देश में पहलवानी को बढ़ाने में फोगाट परिवार का बड़ा हाथ रहा है। गीता फोगाट, बबीता फोगाट और विनेश ने दुनिया को दम दिखाया। पिता महावीर फोगाट ने देश को कई बड़े पहलवान दिए। इस खेल में आने के लिए लड़कियों को प्रोत्साहित किया। अब एमएमए को लेकर फोगाट परिवार की क्या योजना है, इस पर रितु ने कहा कि सभी जानते हैं कि पहलवानी के लिए फोगाट परिवार ने क्या किया है। आज जब भी पहलवानी का नाम आता है, फोगाट परिवार का नाम साथ आता है। ऐसे ही वह चाहती हैं कि जब भी मिक्स्ड मार्शल आर्ट का नाम आए भी फोगाट परिवार का ही नाम आए।
इस मैच को लेकर पिता कैसे उत्साह बढ़ा रहे हैं। पूछने पर रितु फोगाट ने कहा कि पापा तो कहते हैं कि फाइट के 7 दिन ही बचे हैं तो इन 7 दिनों में ही 3 महीने की मेहनत कर लो। एक्स्ट्रा मेहनत करो। अब उन्हें कैसे बताएं कि मेहनत तो पूरी कर ली, लेकिन फाइट से कुछ दिन पहले दिमागी तौर पर आराम की भी जरूरत होती है। मगर पापा हमेशा कहते हैं कि दूर दृष्टि, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा होना चाहिए। 2 साल से घर नहीं जाने पर रितु ने कहा कि अब तो मैं बेल्ट के साथ ही घर जाना चाहती हूं। भारत में एमएमए (एमएमए) के विकास पर रितु फोगाट ने कहा कि अब लोग इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। सरकार को आगे आना चाहिए, क्योंकि हम देश के लिए खेलते हैं। जैसे ओलपिंक में न होने के बावजूद कई खेलों को सरकार से मदद मिलती है। वैसे ही इसे भी मिलनी चाहिए। युवा पीढ़ी इस खेल में आगे आना चाहती है।