नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी ) ने त्रिपुरा निकाय चुनाव में विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया है। अगरतला म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन सहित 14 अर्बन बॉडीज में हुए चुनाव में बीजेपी ने कुल 334 वार्ड्स में से 329 पर कब्जा जमा लिया। अगतला में तो सभी 51 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है। कुल 334 सीटों में से 222 पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमें 81.54 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। कुल 222 में से 217 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की, जबकि 112 पर उसके प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए। निकाय चुनाव के नतीजों से जहां बीजेपी गदगद है तो महज 1 सीट जीतने वाली तृणमूल कांग्रेस की भी खुशी कम नहीं है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद 'मिशन दिल्ली' के तहत ममता बनर्जी की पार्टी ने सबसे पहले त्रिपुरा में ही विस्तार का ऐलान किया था। टीएमसी को सीट महज 1 ही मिली हो, लेकिन वोट शेयर के मामले में इसने लेफ्ट को पीछे छोड़कर दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। त्रिपुरा म्यूनिसिपल बॉडीज के कई वॉर्ड्स में सीपीआई (एम) को पीछे छोड़कर मुख्य विपक्षी का दर्जा हासिल करने वाली टीएमसी ने अपने प्रदर्शन को असाधारण बताया। पार्टी इसे 2023 विधानसभा चुनाव से पहले अपनी कामयाबी के तौर पर देख रही है। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर कहा कि यह उनकी पार्टी के लिए 20 प्रतिशत मत हासिल करना 'असाधारण' बात है, जिसकी त्रिपुरा में न के बराबर उपस्थिति थी। उन्होंने ट्वीट किया, ''हमने बमुश्किल 3 महीने पहले अपनी गतिविधियां शुरू कीं, इसके बावजूद हमें यह प्रतिक्रिया मिली है जबकि भाजपा ने त्रिपुरा में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी । त्रिपुरा टीएमसी के सभी बहादुर सैनिकों को उनके अनुकरणीय साहस के लिए बधाई।'' इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल में महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि त्रिपुरा में केवल दो महीने पहले पहुंची उनकी पार्टी कई सीटों पर दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफल हुई है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब है जब '' वहां सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा हिंसा की गई।