नई दिल्ली । दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मनीष सिसोदिया ने पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह की चुनौती स्वीकार करते हुए दिल्ली के 250 सरकारी स्कूलों की सूची जारी करके उन्हें स्कूल देखने का न्यौता दिया है। उन्होंने कहा कि वह आकर देखें की हमने बीते पांच सालों दिल्ली के शिक्षा मॉडल में क्या बदलाव आया है। साथ ही उन्हें चुनौती दी है कि पंजाब के शिक्षा मंत्री भी अपने 250 सरकारी स्कूलों की सूची जारी करें जिससे हम पंजाब के उन स्कूलों को देख सके। फिर हम दोनों बहस करेंगे उसके बाद जनता तय करेगी किस राज्य का शिक्षा मॉडल बेहतर है। दिल्ली के राउज एवेन्यू में स्थित स्कूल में सूची जारी कर पत्रकारों से बातचीत में मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले 5-6 सालों में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में जो बदलाव आए है उसने देश की बाकि राजनीतिक दलों को शिक्षा पर सोचने व बात करने के लिए मजबूर कर दिया है। यही हमारी अहम जीत है कि अब राजनीति में शिक्षा पर भी बात होती है। उन्होंने बताया कि जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में खस्ताहाल पड़े शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने को लेकर घोषणा की तो वहां के शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ने पंजाब में शिक्षा को लेकर बहुत काम किया है। इसे देखते हुए परगट सिंह जी को निमंत्रण दिया गया कि वो अपनी टीम व मीडिया के साथ आकर दिल्ली के 5 सरकारी स्कूलों को देखें और फिर पंजाब के 5 सरकारी स्कूल को दिखाए। दोनों राज्य सरकार शिक्षा मॉडल पर बहस करें। सिसोदिया ने कहा कि परगट सिंह ने दिल्ली के 250 स्कूलों को देखने की बात कही जिसे स्वीकार करते हुए आज मैंने 250 स्कूलों की सूची सार्वजनिक कर दी है। अगर वो चाहेंगे तो हम दिल्ली के सभी एक हजार स्कूलों की सूची भी जारी कर देंगे। वह पहले दिल्ली आकर हमारे 250 स्कूलों को देखे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जब परगट सिंह जी दौरे पर आए तो मीडिया को साथ लेकर आएं ताकि पंजाब की जनता भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों के विश्वस्तरीय सुविधाओं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को देख पाए और उसकी पंजाब की शिक्षा व्यवस्था से तुलना कर सके। साथ हम उनसे सम्मान के साथ निवेदन करते है कि रविवार शाम तक वह भी पंजाब के से 250 स्कूलों की सूची जारी करे, जहां शिक्षा को लेकर इतने शानदार काम हुए हो। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले 6 सालों में बेहतर शिक्षा के लिए ना सिर्फ बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई है, हमने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का विदेश में प्रशिक्षण, स्कूलों के प्रमुखों को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे संस्थानों में भी नेतृत्व प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिलवाया। यही वजह है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर हो गया है, इस साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 12वीं बोर्ड का रिजल्ट 99.96 फीसदी रहा है। दिल्ली के सरकारी स्कूल से इस साल 500 बच्चों ने नीट की परीक्षा पास किया है। 500 बच्चों ने जेईई मेन्स पास किया है।
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पंजाब के शिक्षा मंत्री हमारा हम उनका स्कूल देखेंगे फिर जनता तय करें किसका शिक्षा मॉडल बेहतर: सिसोदिया