एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन (ताई) ने कहा कि हमारे देश में मानसून की वजह से वैसे ही काम कम होते हैं और बाकी दिनों में चुनाव की वजह से विकास के काम रुक जाते हैं। राज्यों को भी सोचना चाहिए कि एक बार ही चुनाव हों। दिल्ली में नेताओं और मंत्रियों से मिलने के बाद पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन इंदौर लौट आईं। विमानलत पर पत्रकारों ने उनसे पूछा कि पिछले दिनों विजयवर्गीय ने कहा था कि ताई ने ज्यादा संघर्ष नहीं देखा। इस बारे में आपका क्या कहना है। जवाब में ताई ने कहा कि," हां मैंने ज्यादा संघर्ष नहीं किया। कैलाश ने प. बंगाल में संघर्ष किया और अच्छा काम किया है। कैलाश युवा हैं और उनका काम करने का तरीका अलग होता है, जबकि मां और बहन अपने तरीके से संघर्ष करती हैं।"
ताई ने कहा कि मुझे हमेशा सहयोग मिला है। जनता ने मुझे जैसा घड़ा दिया था, उसे विकास से भरकर जनता को लौटा दिया है। अब वे राजनीति से फ्री हुई हैं और अब सामाजिक और धार्मिक कामों पर ज्यादा जोर देंगी। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पिछले दिनों कहा था कि, ताई ने उनसे कम संघर्ष देखा है। ताई सौभाग्यशाली रही हैं। ताई के काम करने का अंदाज अलग है। उन्हें बिना संघर्ष के काफी कुछ मिला। ताई की ईमानदारी पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता है। उनका राजनीतिक जीवन बेदाग रहा है।विमानतल पर भाजपा के कुछ ही नेता और समर्थक स्वागत करने के लिए एकत्र थे, जबकि कई नेता नदारद भी थे। 30 साल तक सांसद रही ताई का नई लोकसभा के गठन के बाद कार्यकाल समाप्त हो गया और वे 'पूर्व" होकर वे इंदौर आई।
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चुनाव की वजह से रुक जाते है विकास कार्य: ताई पूर्व लोस अध्यक्ष ने कहा- राज्यों को सोचना चाहिए, एक ही बार हो चुनाव