न्यूर्याक । अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और बक इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एजिंग ने एक ऐसा ब्ल्ड टेस्ट खोज निकाला है, जिससे किसी भी इंसान की कैलेंडर एज यानी वर्ष के अनुसार उम्र और आईएज में अंतर किया जा सकेगा। साइंटिस्टों के मुताबिक आईएज का मतलब यहां किसी भी व्यक्ति की पुरानी बीमारी से है, जैसे इनफ्लमेशन (सूजन-जलन), दर्द, हार्ट संबंधी रोग और डायबिटीज आदि।
इस अनोखे ब्लड टेस्ट से साइंटिस्ट ब्लड में मौजूद कायटोकीन्स और इम्यून सिस्टम प्रोटीन की स्टडी करते हैं। यदि ब्लड टेस्ट के बाद किसी व्यक्ति की कैलेंडर एज 45 साल और आईऐज 65 साल आंकी जाती है, तो ये साबित होता है कि उस व्यक्ति का शरीर 20 साल ज्यादा बूढ़ा है।ऐसा उस व्यक्ति के शरीर में इनफ्लमेशन यानी पुरानी बीमारियों के कारण हो रहा है।उस व्यक्ति को ज्यादा सवाधानी बरतने की जरूरत है।संबंधित व्यक्ति को हार्ट की बीमारियों और टाइप टू डायबिटीज के प्रति और अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए.स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रो. नाजिश सैयद ने बताया है कि हम सभी की उम्र बढ़ रही है और हम मृत्यु की ओर बढ़ते हैं।लेकिन सबसे अहम बात ये है कि किस प्रकार से हमारी उम्र बढ़ती है।नए ब्लड टेस्ट से हमें ये पता चल सकेगा कि हम उम्र बढ़ने के साथ कितना सेहतमंद रह पाते हैं।कैलेंडर एज और आईऐज में अंतर आने पर हमें सावधान हो जाना चाहिए।
प्रो. नाजिश सैयद का कहना है कि इस स्टडी से पता चला है कि जो लोग स्मोकिंग करते हैं, एक्सारसाइज नहीं करते हैं और खानपान में लापरवाही बरतते हैं।उनकी आईऐज बढ़ जाती है।इसलिए हेल्दी रूटीन को फॉलो करें।एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने से इसमें सुधार हो सकता है। मालूम हो कि अक्सर हम अपनी उम्र की गणना कैलेंडर या साल से करते हैं।जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारे बीमारियों से घिरने की संभावनाएं भी बढ़ती जाती है।वहीं जब हमारी उम्र कम होती है तो हमारे कम बीमार होने आशंका होती है।
वर्ल्ड
खून की जांच से टलेगा गंभीर बीमारियों का खतरा! - जांच से कैलेंडर एज और आईएज में हो सकेगा अंतर