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डेल्टा से भी घातक है ओमीक्रोन वायरस, डब्ल्यूएचओ ने भी जताई चिंता  -वैरियंट को खोजने वाली डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी बोली, ओमीक्रोन स्ट्रेन से संक्रमित लोगों को खतरा ज्यादा 

डेल्टा से भी घातक है ओमीक्रोन वायरस, डब्ल्यूएचओ ने भी जताई चिंता  -वैरियंट को खोजने वाली डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी बोली, ओमीक्रोन स्ट्रेन से संक्रमित लोगों को खतरा ज्यादा 

जिनेवा । कोरोना महामारी के घातक वायरस के दंश को झेल चुकी दुनिया अब भी संभली नहीं है और अब एक नए वैरियंट ओमीक्रोन को लेकर पूरी दुनिया में अफरा-तफरी मच गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इस वायरस को चिंता का विषय बताया है। अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों ने तो अपनी सीमाओं को फिर से सील करना शुरू कर दिया है। इस बीच दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के ओमीक्रोन वैरियंट को खोजने वाली डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी ने नया खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि नया वेरिएंट मरीजों पर कैसा असर दिखा रहा है। डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी ने कहा कि अब तक ओमीक्रोन वैरियंट से संक्रमित रोगियों में बेहद हल्के लक्षण देखे गए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि लेकिन, कमजोर लोगों के लिए बीमारी की गंभीरता को जानने से पहले हमें और अधिक शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस वैरियंट से संक्रमित रोगियों ने उन्हें बताया है कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि यह बताने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है कि कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वैरियंट, डेल्टा वन की तुलना में अधिक खतरनाक है। डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन पर वैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर भी ऐसी की शंका जताई है। डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि अभी तक स्पष्ट नहीं है कि ओमीक्रोन स्ट्रेन से संक्रमित लोगों को खतरा ज्यादा है कि नहीं।
डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि डेल्टा सहित अन्य वैरियंट की तुलना में ओमीक्रोन के संक्रमण से अधिक खतरा है। प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने की दर बढ़ रही है। ऐसे में ओमीक्रोन वैरियंट लोगों की कुल संख्या में वृद्धि के कारण हो सकता है। डब्ल्यूएचओ तकनीकी विशेषज्ञों के एक समूह के साथ भी काम कर रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या नया स्ट्रेन मौजूदा टीकों और अन्य स्वच्छता उपायों की प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकता है। डब्लूएचओ ने शुक्रवार को ओमीक्रोन वैरियंट की पहचान की थी। इसे पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। इसके पहले के सभी वैरियंट की तुलना में अधिक संक्रमण फैलाने वाला माना गया है। डब्ल्यूएचओ ने इसे ग्रीक वर्णमाला का 15वें अक्षर के आधार पर इसे ओमिक्रोन नाम दिया है।
 

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