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हिमाचल में पार्टी के ढांचे में बदलाव के तौर-तरीकों पर काम कर रहा कांग्रेस नेतृत्व : सुक्खू

हिमाचल में पार्टी के ढांचे में बदलाव के तौर-तरीकों पर काम कर रहा कांग्रेस नेतृत्व : सुक्खू

शिमला । हिमाचल प्रदेश में हाल ही में संपन्न मंडी लोकसभा व तीन विधानसभा उपचुनावों में सत्तारूढ भाजपा को शिकस्त देने के बाद अब अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस पार्टी में वीरभद्र सिंह जैसे दिग्गज नेता के निधन के बाद पार्टी का अगला मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, इस पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की सूची लंबी है और कई लोग इस पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
नादौन से विधायक व पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू ने कहा महज उप चुनाव जीतन ही सत्ता में वापिसी का आधार नहीं है। लेकिन वह मानते हैं कि अगर कोई विपक्षी दल कड़ी मेहनत करता है और जनता के मुद्दों पर एकजुट होकर चुनाव लड़ता है, तो मौजूदा सरकार नहीं टिक सकती। बकौल उनके यही हिमाचल प्रदेश की हकीकत है। यही कारण है कि शांता कुमार, वीरभद्र सिंह या प्रेम कुमार धूमल जैसे स्थापित नेताओं को भी सत्ता खोनी पड़ी थी। उपचुनाव की जीत लगभग ’आने वाली घटनाओं की छाया पड़ने’ जैसी है। उन्होंने कहा कि हम लड़ाई जीत चुके हैं, अब एक युद्ध बाकी है।
उन्होंने कहा वीरभद्र सिंह जैसे नेता की गैरमौजूदगी में अगला चुनाव लडना कांग्रेस पार्टी के लिए कठिन होगा, यह गलत है। यह एक मिथक है कि वीरभद्र सिंह कांग्रेस को सत्ता में वापस लाते थे। सुक्खू ने कहा उपचुनाव में हमारे पास कांग्रेस पार्टी का कोई प्रमुख चेहरा नहीं था, फिर भी हम जीते। अंतर्निहित सिद्धांत यह है कि लोग एक बदलाव को प्रभावित करने के लिए मौजूदा पार्टी को हराने के लिए मतदान करते हैं। मैं कह सकता हूं कि सन 2022 पहला विधानसभा चुनाव होगा जब कांग्रेस के पास अगली पीढ़ी का नेता होगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के नाम पर कहा कि यह अगले दिनों में तय होगा। मेरे ख्याल से इस पर आलाकमान बेहतर तरीके से निर्णय कर सकता है। वह निष्पक्ष होकर देख रहा है कि कौन कितना काम कर रहा है। उन्होंने कहा क्या मैं इस पद के लिए योग्य नहीं हूं, मेरी अपनी हैसियत और योग्यता है। मैंने जमीनी स्तर से पार्टी के सर्वोच्च पद तक काम किया है और राज्य में कांग्रेस को मजबूत किया है। मेरी पहली प्राथमिकता कांग्रेस को सत्ता में लाना है, इसके लिए पार्टी को एकजुट होना पड़ेगा।
उन्होंने माना कि कांग्रेस के मुकाबले भाजपा का संगठनात्मक ढांचा अधिक प्रभावी है। उन्होंने कहा कि हमें पार्टी में कुछ व्यापक बदलाव करने और आवश्यक सुधार करने की जरूरत है। पार्टी के पदाधिकारी हैं, जो कभी भी पार्टी की विचारधारा और आत्मा से संबंधित नहीं थे। आलाकमान पार्टी के ढांचे में बदलाव लाने के तौर-तरीकों पर काम कर रहा है। यह बहुत जल्द ही पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि उप चुनावों में महंगाई सबसे ज्वलंत मुद्दों में से एक रही। 
 

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