नई दिल्ली । कांग्रेस ने संसद में तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को खत्म करने संबंधी विधेयक को चर्चा के बिना पारित किए जाने को ‘किसान, मजदूरों और देश’ की जीत करार दिया और साथ ही, सरकार पर चर्चा से डर जाने का आरोप लगाया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, कृषि विरोधी तीनों काले क़ानूनों को ना पारित करते चर्चा हुई, न ख़त्म करते हुए चर्चा हुई। क्योंकि चर्चा होती तो…हिसाब देना पड़ता, जवाब देना पड़ता… खेती को मुट्ठी भर धन्ना सेठों की ड्योढ़ी पर बेचने के षड्यंत्र का.... 700 से अधिक किसानों की शहादत का.... फसल का एमएसपी न देने का।
बात दें कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद ने विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी प्रदान कर दी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 लाई थी। करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मुख्य मांग इन तीनों कानूनों को रद्द करना थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।
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कांग्रेस का आरोप, कानूनों को ना पारित करते चर्चा हुई, न ख़त्म करते हुए चर्चा हुई