YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

वर्ल्ड

दुनिया पर ओमीक्रोन का 'बहुत गंभीर' खतरा:डब्ल्यूएचओ  - बचाव के ‎लिए भारत में लगेगा बूस्टर डोज?

दुनिया पर ओमीक्रोन का 'बहुत गंभीर' खतरा:डब्ल्यूएचओ  - बचाव के ‎लिए भारत में लगेगा बूस्टर डोज?

नई दिल्ली  । दुनिया पर ओमीक्रोन का 'बहुत गंभीर' खतरा है। यह कहना है   विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ )का। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत तेजी से फैल सकता है और किसी-किसी इलाके में तो तबाही ला सकता है। दहशत के ऐसे माहौल के बीच भारत सरकार जल्द ही कोरोना वैक्सीन का बूस्टर यानी तीसरा डोज दिए जाने का फैसला कर सकती है क्योंकि विशेषज्ञों की एक समिति सरकार से यह सिफारिश करने वाली है। 
अब तक 13 देशों में ओमीक्रोन से संक्रमित मरीज पाए जा चुके हैं। द. अफ्रीका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रफेसर सलीम अब्दुल करीम का भी कहना है कि अभी जो टीके लगाए जा रहे हैं, वो सभी ओमीक्रोन वेरियेंट से संक्रमित हुए मरीजों को इतनी क्षमता प्रदान करने का माद्दा रखते हैं कि उनमें गंभीर लक्षण पैदा नहीं होने दें और उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़े।बहरहाल, आधिकारिक सूत्रों की मानें तो समिति सरकार से कहने वाली है कि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या जो बुजुर्ग हैं और जिन्हें संक्रमित होने या जिनकी संक्रमण से मौत होने का खतरा ज्यादा है, उन्हें कोरोना टीके की एक अतिरिक्त डोज लगवा देना सही रहेगा। स्वाभाविक है कि समिति की सिफारिश पर पहले कोविड टीकाकरण के तकनीकी पहलुओं पर गौर करने वाला सलाहकार समूह विचार करेगा जिसकी मीटिंग अगले हफ्ते हो सकती है। 
अगर एनटीएजीआई ने समिति की सिफारिश पर अपनी सहमति दे दी तो फिर स्वास्थ्य मंत्रालय को आखिरी फैसला लेना होगा। इन सब प्रक्रियाओं को देखते हुए यह कहना अभी मुश्किल होगा कि बूस्टर डोज देने की शुरुआत कब से हो पाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हम यह फैसला अगले हफ्ते एनटीएजीआई की मीटिंग के बाद लेंगे।'हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैज्ञानिक सलाहकार समूह ने कहा कि स्पाइक प्रोटीन में ओमीक्रोन के कई म्यूटेशनों की मौजूदगी बताती है कि इसने टीके से पैदा हुई इम्यूनिटी को भी कमजोर किया है, लेकिन किस हद तक, यह कहना अभी कठिन है। सोमवार को जारी बयान में कहा गया है, 'ओमीक्रोन टीके से पैदा हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता को किस हद तक कमजोर करने में सक्षम है, इसे लेकर अभी बहुत अनिश्चितता है।' डब्ल्यूएचओ ने अपने ताजा बयान में कहा है कि दुनिया पर ओमीक्रोन का 'बहुत गंभीर खतरा' है। इसने सभी देशों से उच्च प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण की रफ्तार तेज करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि सभी देश ओमीक्रोन के संभावित खतरों से निपटने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त कर लें। 
बयान में कहा गया है, 'ओमीक्रोन के स्पाइक म्यूटेशनों की संख्या अप्रत्याशित है। इनमें से कुछ महामारी को बढ़ाने के लिहाज से काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। कुल मिलाकर इस वेरियेंट के वैश्विक खतरे को 'बहुत गंभीर' की श्रेणी के तौर पर आंका गया है।'ऐसे में भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि ओमीक्रोन के म्यूटेशनों के लिहाज से भी टीकाकरण ही सबसे प्रभावी उपाय है। एक अधिकारी ने कहा, 'विभिन्न देशों के आंकड़े बताते हैं कि कोविड से जिनकी मौत हुई या जिन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, उनमें से ज्यादातर ने टीका नहीं ले रखा था। आंकड़े इस बात की भी पुष्टि कर रहे हैं कि ट्रांसप्लांट करवाने या कैंसर होने के कारण जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है, उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तीसरे डोज की जरूरत होगी।' 
विश्व स्वास्थ्य संगठन का वैज्ञानिक सलाहकार समूह भी 7 दिसंबर को होने वाली अपनी मीटिंग में इस बात पर चर्चा करेगा कि क्या ओमीक्रोन के मद्देनजर बूस्टर डोज की जरूरत होगी या नहीं। उसने कहा कि अभी तक तो ओमीक्रोन से संक्रमित किसी मरीज की मौत की खबर नहीं है। हालांकि, उसने आशंका जताई कि आने वाले दिनों में ओमीक्रोन संक्रमितों की बाढ़ आने का भयावह दौर देखने को मिल सकता है। 
 

Related Posts