चंडीगढ़। अंबाला रेंज में तैनात आईजी और वरिष्ठ आईपीएस अफसर भारती अरोड़ा का मंगलवार को नौकरी को आखिरी दिन था। वो भगवा वेशभूषा में अपने दफ्तर पहुंची। अब वृंदावन में भक्तिमार्ग पर चलने वाली भारती अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा में आने के बाद ही उनके जीवन में हरि का आना हुआ, एक दिव्य संत के माध्यम से इसकी लो जगी। इस क्रम में उन्होंने संत कबीरदास जी और कईं संतों की वाणी का जिक्र किया व कहा-प्रेम पियाला जो पिए, सिस दक्षिणा देय, लोभी शीश न दे सके, नाम प्रेम का लेय। भारती अरोड़ा ने कहा कि वो 1 दिसंबर को सीधा वृंदावन जाएंगी। दस साल की नौकरी और डीजीपी पद तक जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बहुत सारे अफसर, डीजीपी उन्होंने देखे हैं लेकिन किसी तुच्छ चीज के पीछे भागना व उसको ही असल सुख समझने की गलती हमें नहीं करनी चाहिए। क्योंकि नानक दुखिया सब संसार, सो सुखिया जिस नाम आधार।
भारती अरोड़ा ने कहा कि राज्य में कबूतरबाजी के नाम पर लोगों का जीवन और पैसा हड़पने वाले 550 लोगों को हमने गिरफ्तार किया व पैसे की रिकवरी भी की। पिछले दस साल में इतने केस दर्ज नहीं हुए। उनको गृहमंत्री और सीएम ने कबूतरबाजों द्वारा की जा रही ठगी के मामलों में एक्शन लेने के लिए एसआईटी का मुखिया बनाया था। अंबाला करनाल में रहते हुए भारती अरोड़ा ने बड़े बड़े कबूतरबाजों को गिरफ्तार कर जेल में भेजा। इतना ही नहीं, उनसे रिकवरी कर उन गरीब युवाओं के परिवारों की मदद का बड़ा काम हुआ, जिनका सारा कुछ बर्बाद हो गया था, साथ ही बिना किसी कुसूर के बाहर के देशों में जेलों में रहना पड़ा था। इसी तरह से गौवंश को बचाने के लिए भी भारती अरोड़ा ने गौ तस्करी वाले इलाकों में खास अभियान चलाए। उसमें भी उन्हें काफी सफलता मिली, लोगों का साथ भी मिला। बता दें कि भारती अरोड़ा पुलिस पुलिस सेवा की 1998 बैच की अफसर हैं। 23 साल की पुलिस सर्विस में वह हरियाणा में कई जिलों में एसपी के अलावा करनाल रेंज की आईजी रह चुकी हैं और इस समय अंबाला रेंज की आईजी हैं। उनकी रिटायरमेंट वर्ष 2031 में होनी थी मगर उन्होंने 10 साल पहले वीआरएस ले ली। भारती अरोड़ा की शादी हरियाणा काडर के आईपीएस अधिकारी विकास अरोड़ा से हुई है। विकास अरोड़ा फिलहाल फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर हैं। भारती अरोड़ा राई स्पोर्ट्स स्कूल की प्रिंसिपल भी रह चुकी हैं, जहां उन्होंने कई बेहतर काम किए।
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रिटायरमेंट से 10 साल पहले आईपीएस भारती अरोड़ा ने लिया वीआरएस -अंतिम दिन भगवा वेश में ऑफिस पहुंची भारती बोलीं- अब वृंदावन जाऊंगी