इस्लामाबाद । पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार बलूचिस्तान में होने वाले अत्याचारों को लेकर आवाज उठाने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज करने लगी है। पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) के प्रमुख मंजूर पश्तीन और अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) नेता असगर अचकजई ने शक्ति का प्रदर्शन करते हुए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। पाक सरकार ने दोनों ही नेताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है।
क्वेटा पुलिस ने मंजूर पश्तीन और असगर अचकजई के खिलाफ लाउडस्पीकर और कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन के साथ-साथ बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) रैली का आयोजन करने पर केस दर्ज किया है। यह कार्यक्रम रेलवे हॉकी ग्राउंड में हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पश्तीन के और पीटीएम के अन्य नेताओं के बलूचिस्तान में प्रवेश पर प्रतिबंध के बावजूद बैठक में शामिल हुए। पीटीएम प्रमुख के खिलाफ सिविल लाइन थाने में 2021 की एफआईआर संख्या 217 दर्ज की गई है। सरकार ने बलूच नेताओं के प्रांत में एंट्री पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बलूचिस्तान पब्लिक ऑर्डर ऑर्डिनेंस का जिक्र करते हुए, एफआईआर में कहा गया है कि पश्तीन को बलूचिस्तान में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। हालांकि, पीटीएम प्रांतीय अध्यक्ष नूर बाचा की मदद से, वह रेलवे हॉकी ग्राउंड पहुंचे और एक भड़काऊ भाषण दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 की एक और प्राथमिकी संख्या 216 दर्ज की गई है, जिसमें पीटीएम प्रमुख पश्तीन, नूर बाचा, मजीद काकर, खुशाल खान काकर, मुल्ला बेहराम, जुबैर शाह, रशीद नासिर, नूरुल्ला तरीन, उमर खान और एएनपी नेता असगर अचकजई पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया है।
एफआईआर में कहा गया है कि कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले नेताओं ने अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना कोविड-19 और लाउडस्पीकर नियमों का उल्लंघन करते हुए बैठक आयोजित की। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि बैठक में वक्ताओं ने सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों को उकसाया, जबकि कुछ लोगों ने हाथों में अफगानिस्तान का झंडा लिया हुआ था। इन सभी नेताओं पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 121, 123ए, 153ए, 269, 270, 278 और 341 के तहत केस दर्ज किया गया है।
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बलूच नेताओं की सक्रियता से पाक, पीटीएम-एएनपी प्रमुखों के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर