नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर एक वकील हाईकोर्ट पहुंच गया और केंद्र और आप सरकार से मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपए की मांग कर डाली। वकील ने इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा के रुप में भी 25 लाख लाख रुपए की मांग की है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने 6 दिसंबर को डाली गई याचिका पर दोबारा सुनवाई करते हुए कहा कि कृपया आप समझें कि कोर्ट कोई खेल का मैदान नहीं है और इसका इस तरह से प्रयोग बंद होना चाहिए। इससे पहले याचिकाकर्ता पहली सुनवाई के दौरान खुद कोर्ट के सामने प्रस्तुत नहीं हुए थे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को से कहा कि अगर आप वाकई राजधानी की खराब वायु गुणवत्ता के लिए चिंतित हैं तो आप सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले को पहले से देख रहा है। वकील ने कहा कि वो खराब वायु गुणवत्ता के लिए केंद्र और आप सरकार से अपने लिए स्वास्थ्य बीमा के रूप में 25 लाख रुपए भी चाहता है। अपनी याचिका में वकील ने क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए 15 लाख रुपए मांगे हैं। याचिका में यही भी साबित किया गया है कि वायु प्रदूषण से फेफड़ों की गंभीर बीमारी और कैंसर भी हो सकता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 21 के दायरे को बढ़ाते हुए पहले से ही प्रदूषण मुक्त वातावरण को मौलिक अधिकार माना है। इसके अलावा याचिकार्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की वो अधिकारियों को ऐसी फैक्ट्रियों को सील करने के निर्देश दे जो दिल्ली-एनसीआर में पटाखें बनाती हों और उन्हें दुकानों में बेचती हों।
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वायु प्रदूषण पर वकील पहुंचा हाई कोर्ट, केंद्र और आप सरकार से मांगे 15 लाख