केंद्र सरकार ने रूस के साथ 7 लाख 4 7 हजार कलाश्निकोव राइफलों के निर्माण का करार किया है। इन्हें बनाने की इकाई उत्तर प्रदेश की अमेठी में लगाई जाएगी। दोनों देशों के बीच किए गए समझौते के अनुसार रूस के कलाश्निकोव कंसर्न और भारत के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड मिलकर एके-47 की तीसरी पीढ़ी की राइफलें एके-203 तैयार करेंगे।
सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के बीच आधिकारिक समझौते पर दस्तखत इस सप्ताह के आखिर तक होने की संभावना है। उसी समय करार से जुड़ी कीमत, समयसीमा जैसी अन्य जरूरी जानकारियां सामने आएंगी। उल्लेखनीय है कि यह समझौता रक्षा मंत्रालय के उस प्रस्ताव के तहत हो रहा है जिसमें मंत्रालय ने साढ़े छह लाख राइफलों की खरीद के लिए 'अभिरुचि पत्र' मांगे थे। ये राइफलें पूरी तरह 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम के तहत भारत में ही बनाई जाएंगी। इस करार में भारत सरकार की पॉलिसी के तहत ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के पास मेजॉरिटी 50.5 फीसदी शेयर रहेंगे, जबकि रूस के पास 49.5 फीसदी शेयर होंगे।
उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह केंद्र सरकार ने 72,400 असॉल्ट राइफलों की खरीद के लिए एक अमेरिकी कंपनी के साथ करार किया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट (एफटीपी) के तहत एसआईजी जॉर असॉल्ट राइफल्स के लिए यूएस के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं। सालभर के भीतर अमेरिकी कंपनी एसआईजी जॉर से 72,400 7.62एमएम राइफलें मिल जाएंगी। फिलहाल भारतीय सुरक्षाबल 5.56x45 एमएम इनसास राइफलों से लैस हैं।
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मेक इन इंडिया के तहत बनेंगी 7.47 लाख कलाश्निकोव राइफलें, अमेठी में लगेगा प्लांट