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आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों की संख्या के बारे में केंद्र अमरिंदर से पूछ सकती : चिदंबरम 

आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों की संख्या के बारे में केंद्र अमरिंदर से पूछ सकती : चिदंबरम 

नई दिल्‍ली । केंद्र सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजन को मुआवजा देने की मांग को लेकर संसद में मोदी सरकार के जवाब पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चिदंबरम ने कहा कि मृतक किसानों की संख्या के बारे में अमरिंदर सिंह से पूछ सकती है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजन को मुआवजा दिए जाने संबंधी सवाल पर संसद में कहा था कि प्रदर्शन के दौरान किसानों की मौत के बारे में सरकार को सूचना नहीं है और इसलिए वित्तीय सहयोग का सवाल पैदा नहीं होता है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट किया कि सरकार का कहना है कि उसके पास किसानों के आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों का 'कोई रिकॉर्ड नहीं है।' उन्होंने कहा, 'शुरुआत करने के लिए, सरकार आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों की संख्या के बारे में अमरिंदर सिंह से पूछ सकती है, जिनके नेतृत्व वाली सरकार ने इनका आंकड़ा तैयार किया था। इसके आगे कदम बढ़ाते हुए, सरकार सूचना मंत्री से कह सकती है कि वह पुराने अखबार खंगालें और राज्यों में किसानों की मौत की खबरों से आंकड़े जुटाएं।'
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मरे किसानों के परिजन को मुआवजा देने को लेकर संसद में केंद्र सरकार के जवाब की बुधवार को आलोचना की और मृत किसानों के परिजन को वित्तीय सहायता देने की अपनी मांग दोहराई। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कथित तौर पर कहा कि प्रदर्शन के दौरान किसानों की मौत के बारे में सरकार को सूचना नहीं है और इसलिए वित्तीय सहयोग का सवाल पैदा नहीं होता है। एसकेएम ने बयान में आरोप लगाया कि भाजपा सरकार औपचारिक वार्ता शुरू नहीं कर प्रदर्शनकारी किसानों को बांटने का प्रयास कर रही है और एसकेएम के पत्र का औपचारिक रूप से जवाब नहीं दे रही है, जिसमें उसे लंबित मांगों की याद दिलाई गई है। इसने कहा, 'भाजपा सरकार को इस चरण में किसानों को बांटने का प्रयास बंद करना चाहिए। किसान संगठनों को एकजुट रहना चाहिए और मोदी सरकार को किसानों को बांटने के अपने एजेंडा को बंद करना चाहिए। एसकेएम सरकार से सभी आवश्यक ब्यौरे सहित औपचारिक संवाद की प्रतीक्षा कर रहा है।'
 

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