हमारे देश में आए दिन बुजुर्गों के साथ मारपीट और शोषण के मामले सामने आते हैं लेकिन बहुत कम ही मामलों में दोषियों को सजा मिल पाती है। परिवार के बुजुर्ग अपने ही परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों या अपने खुद के बच्चों के हाथों आए दिन शोषण और अपमान का शिकार हो रहे हैं। एजवेल फाउंडेशन के एक सर्वे के मुताबिक देशभर के 71 प्रतिशत बुजुर्गों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। पिछले साल हेल्पएज इंडिया की स्टडी में ये आंकड़े 60 प्रतिशत थे जो साल में बढ़कर 71 प्रतिशत हो गए। यूनाइटेड नेशन्स के मुताबिक दुनियाभर में हर 6 में से 1 बुजुर्ग व्यक्ति किसी न किसी रूप में शोषण और दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं। यही वजह है कि यूनाइटेड नेशन्स ने 15 जून को वर्ल्ड एल्डर अब्यूज अवेयरनेस डे यानी बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ जागरुकता दिवस।हेल्पएज इंडिया की स्टडी के मुताबिक बुजुर्गों को जिस तरह के दुर्व्यवहार का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ता है वह है- तिरस्कार 56 प्रतिशत, गाली-गलौज 49 प्रतिशत, अनदेखी 33 प्रतिशत। अब तक ज्यादातर लोगों को यही लगता होगा कि बहुएं सास-ससुर के साथ बुरा बर्ताव करती हैं। लेकिन इस हेल्पएज की स्टडी की मानें तो सास-ससुर के साथ दुर्व्यवहार करने वाली बहुओं की संख्या तो 38 प्रतिशत है जबकि अपने ही मां-बाप का शोषण करने वाले बेटों की संख्या 57 प्रतिशत। बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को 6 कैटिगरीज में बांटा जा सकता है। यहां बताना लाजिमी होगा कि गत दिनों हरियाणा पुलिस ने अपनी 80 साल की विधवा सास को पीटने के आरोप में एक महिला को गिरफ्तार किया था। इस पूरे मामले का विडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की थी।
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बुजुर्ग आए दिन होते हैं करीबियों की बदतमीजी के शिकार - देश में 71 प्रतिशत बुजुर्गों के साथ होता है दुर्व्यवहार