सूजलॉन एनर्जी ने कर्ज देने वाले बैंकों से कहा है कि ब्रुकफील्ड कंपनी में मेजॉरिटी स्टेक लेना चाहती है। कंपनी ने कहा कि अगर बैंक इस सौदे की इजाजत देता हैं तो वह हिस्सेदारी बेचने से मिले पैसे से उनका कर्ज चुका पाएगी। इस सौदे की बातचीत से जुड़े अधिकारी ने यह जानकारी दी है। सूजलॉन ने बैंकों को वनटाइम सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए उसने ब्रुकफील्ड को हिस्सेदारी बेचने की बात कही है, जिससे कंपनी में निवेश भी होगा। इस प्रस्ताव में सूजलॉन ने बैंकों से कर्ज का अच्छा-खासा हिस्सा माफ करने को भी कहा है। कंपनी फॉरेन करेंसी कन्वर्बिटल बॉन्डहोल्डर्स से भी इसकी अपील की है। कंपनी का दावा है कि इससे उसका बिजनेस बढ़ेगा और वह अपनी वित्तीय देनदारी पूरी कर पाएगी। इस प्रस्ताव की सफलता बैंकों की मंजूरी और ब्रुकफील्ड से डील पर निर्भर है।
एक सूत्र ने बताया,सूजलॉन को कर्ज देने वाले बैंक भी कंपनी के रिजॉल्यूशन प्लान से जुड़े हुए हैं। कंपनी में हिस्सेदारी लेने में कुछ निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है, बैंकों को भी इसकी जानकारी थी। हालांकि, कंपनी ने वनटाइम सेटलमेंट प्लान के साथ संभावित निवेशक के तौर पर ब्रुकफील्ड को चुना है। रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी इस डील का ड्यू डिलिजेंस महीने भर में पूरा करने की उम्मीद कर रही है। उसका मानना है कि यह सौदा 3-6 महीनों में पूरा हो सकता है। ड्यू डिलिजेंस में संभावित निवेशक कंपनी के बहीखातों और अन्य जानकारियों की तफ्तीश करता है। सूत्र ने कहा, ब्रुकफील्ड ने पिछले साल सूजलॉन की ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस यूनिट का बारीकी से ड्यू डिलिजेंस किया था। कंपनी के वैल्यूएशन में इस इकाई का काफी ज्यादा योगदान है। अगर बैंक कंपनी के प्रस्ताव पर मान जाते हैं तो सौदा पूरा करने में बहुत समय नहीं लगेगा। इस बारे में पूछे गए सवालों का सूजलॉन ने जवाब देने से इनकार कर दिया। ब्रुकफील्ड से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। सूजलॉन मार्च में 412 करोड़ के टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल लोन पर डिफॉल्ट कर गई थी। एफसीसीबी पर कंपनी को जुलाई में 1,205 करोड़ का भुगतान करना था। बैंकों ने कंपनी की एक इकाई के 3,938 करोड़ के कर्ज पर स्टैंडबाय लेटर ऑफ क्रेडिट इश्यू किया था। डिफॉल्ट के चलते एफसीसीबी होल्डर्स और बैंकों को इन्हें तुरंत रिकॉल करने का अधिकार मिल गया है।
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सूजलॉन एनर्जी ने बैंकों को वनटाइम सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया