नई दिल्ली । तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के निरस्त होने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहांपुर, सिंघु, टीकरी और गाजीपुर) पर किसान का प्रदर्शन जारी है। इस बीच किसान आंदोलन जारी रखने या फिर खत्म करने को लेकर असमंजस की स्थिति प्रदर्शनकारियों को भी परेशान करने लगी है। किसान प्रदर्शनकारी यह समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें आंदोलन खत्म करना है या फिर लंबे समय की तैयारी करनी है।
इस अमसंजस के चलते दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर और दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) से धीरे-धीरे किसान वापस अपने गृह प्रदेश जाने लगे हैं। आलम यह है कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की मौजूदगी के बावजूद यूपी के गाजीपुर बार्डर किसानों की संख्या 100 से नीचे आ गई है।
बुधवार सुबह यहां पर कुछ ही किसान प्रदर्शनकारी नजर आए, जबकि यहां पर रात से ही किसान नेता राकेश टिकैत मौजूद है। कहा जाता रहा है कि जब भी राकेश टिकैत यहां पर आते हैं तो प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर कहा कि सरकार से पूरा हिसाब-किताब लेकर जाएंगे।
सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं, उनका जवाब मिलने का इंतजार है। उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमे पर सरकार से बैठकर वार्ता की जाएगी। अभी कोई आंदोलन वापस लेने की गारंटी नहीं लेगा। बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में अगला निर्णय लिया जाएगा। मंगलवार को उत्तराखंड और पंजाब के 50 से अधिक प्रदर्शनकारी लौट गए। हाईवे पर लगे ज्यादातर तंबू खाली रहे। तंबुओं में दो-चार प्रदर्शनकारी दिखे। फ्लाईओवर के नीचे लगे तंबुओं में प्रदर्शनकारियों की कुछ संख्या दिखी।
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