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ग्राउंड जीरो से कुन्नूर हादसे की कहानी चश्मदीद की जुबानी

ग्राउंड जीरो से कुन्नूर हादसे की कहानी चश्मदीद की जुबानी

नई दिल्ली । तमिलनाडु के कन्नूर में बुधवार को एक हेलिकॉप्टर हादसे में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य सैन्य अफसरों की मृत्यु हो गई। वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। सीडीएस को ले जा रहा एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। लगिरी की ये पहाड़ियां समुद्र तल से 1050 मीटर की ऊंचाई पर हैं। एमआई-17वी-5 हेलिकॉप्टर का मलब अब भी घटनास्थल पर पड़ा हुआ है और उस मलबे के साथ आसपास के जले हुए पेड़ बताते हैं कि हादसा कितना भयानक था। ;ये आसपास का पहाड़ी इलाका है। वीडियो में पहाड़ियों पर धुंध नजर आई और विमानों के आने-जाने के लिए एक छोटा पैसेज है। इसी से बुधवार को हेलिकॉप्टर सुलूर से वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज जा रहा था लेकिन 16 किलोमीटर पहले ही वह क्रैश हो गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक काफी ऊंचाई से ही इस हेलिकॉप्टर में आग लग गई थी और गिरने के बाद कई पेड़ भी जल गए। हादसे के 24 घंटे बाद भी इलाके में जलने की गंध महसूस की जा सकती है। अगर पायलट ने सेफ लैंडिंग की कोशिश भी की होगी, तो उसे कोई जगह नहीं मिली होगी। क्योंकि इस इलाके की टाइपोग्राफी ही ऐसी है, जहां दूर-दूर तक कोई मैदानी इलाका नहीं है। क्रैश साइट चाय के बागानों के बीच है। शहजादी नाम की एक चश्मदीद महिला ने बताया कि हेलिकॉप्टर काफी नीचे आ गया था। मेरे बेटे ने बताया कि हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है। 5 मिनट बाद मैं घटनास्थल पर पहुंची तो देखा कि लोग बुरी जल गए थे और बुरी तरह तड़प रहे थे। हादसे के करीब 24 घंटे बाद ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। इससे यह मालूम किया जा सकेगा कि आखिर क्रैश होने की वजह क्या रही। वायुसेना अध्यक्ष वी.आर. चौधरी ने तमिलनाडु के डीजीपी सी। शैलेन्द्र बाबू के साथ कुन्नूर में घटनास्थल का गुरुवार की सुबह मुआयना किया। इस घटना की जांच एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुआई वाली टीम करेगी, जो अपना काम शुरू कर चुकी है।;
 

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