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शीतकालीन ओलिंपिक के बहिष्कार पर चीन तमतमाया -बोला, इन तीन देशों भुगतना पड़ेगा खमियाजा 

शीतकालीन ओलिंपिक के बहिष्कार पर चीन तमतमाया -बोला, इन तीन देशों भुगतना पड़ेगा खमियाजा 

बीजिंग । चीन की मेजबानी में विंटर ओलिपिंक खेलों के आयोजन को लेकर उठते विरोध के स्वरों पर ड्रैगन गुस्से से तमतमाया हुआ है। अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने भी चार फरवरी 2022 से शुरू होने वाले शीतकालीन ओलिंपिक के राजनयिक बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। यूरोपीय यूनियन तो कई महीने पहले ही बहिष्कार का प्रस्ताव पास कर चुकी है। ऐसे में गुस्साए चीन ने अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को परिणाम भुगतने की धमकी दे डाली है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फरवरी में बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक में सरकारी प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजने का फैसला करने के बाद ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका अपने गलत कृत्यों की कीमत चुकाएंगे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने राजनीतिक हेरफेर के लिए ओलंपिक मंच का इस्तेमाल किया है। उन्हें अपने गलत कृत्यों की कीमत चुकानी पड़ेगी।
चीन में होने वाले विंटर ओलिंपिक के बहिष्कार का ऐलान सबसे पहले अमेरिका ने किया। बाइडेन प्रशासन ने कहा कि चीन के मानवाधिकारों को कुचलने की कार्रवाई के विरोध में अमेरिका विंटल ओलिंपिक का बहिष्का करेगा। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भी अमेरिका और चीन के रिश्ते तेजी से खराब हुए थे। अब बाइडेन प्रशासन भी चीन पर दबाव बनाए रखे हुए है। अमेरिका और चीन ट्रेड वॉर, कोविड-19 की उत्पत्ति, ताइवान, उइगुर और दक्षिण चीन सागर को लेकर आपस में उलझे हुए हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिशन ने कहा कि विंटर ओलिंपिक में अधिकारियों को न भेजने का उनका निर्णय शिनजियांग में उइगुर मुस्लिमों में मानवाधिकारों का हनन और ऑस्ट्रेलिया से आयात पर चीन के लगाए गए प्रतिबंधों के कारण लिया गया है। वहीं, चीन ने कई बार शिनजियांग में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। चीन का दावा है कि उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन का दावा मनगढ़ंत और गलत है।
यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने उइगुर मुसलमानों के जबरन श्रम को लेकर चिंता जताते हुए शिनजियांग से आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून पारित किया है। सदन ने 428-1 के भारी बहुमत से उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम का समर्थन किया। कानून बनने के लिए, इसे सीनेट से भी पास होना चाहिए और इसपर राष्ट्रपति जो बाइडेन का हस्ताक्षर भी जरूरी है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने अमेरिकी कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि चीन इसका कड़ा विरोध करता है। अमेरिका को तुरंत अपने गलत काम को रोकना चाहिए। हम चीन के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका मानवाधिकार के नाम पर एकतरफावाद, संरक्षणवाद को बढ़ाकर चीन को धमका रहा है। गाओ ने चेतावनी दी कि अमेरिकी रुख से दोनों देशों की कंपनियों और उपभोक्ताओं के हितों को गंभीर नुकसान होगा, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला तनाव बढ़ेगा और वैश्विक आर्थिक सुधार पर असर पड़ेगा।
 

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