नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट को रोकने के लिए एक एक्टिव एक्शन प्लान और प्रस्तावित लघु और मध्यम अवधि की योजनाएं हैं। केंद्र ने कहा कि नियमों के उल्लंघन के लिए क्लोजर नोटिस जारी किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में केंद्र ने कहा कि उड़न दस्तों द्वारा निरीक्षण के बाद प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों, डीजल जनरेटर सेट, निर्माण या तोड़फोड़ वाली साइट्स को बंद करने के नोटिस जारी किए गए हैं। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र द्वारा गठित उड़न दस्तों ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का दौरा किया।उड़न दस्तों ने 1,534 साइट्स का निरीक्षण किया और कुल 228 स्थलों को एन्फोर्समेंट टास्क फोर्स द्वारा बंद करने का नोटिस जारी किया गया है। केंद्र ने कोर्ट को सूचित किया कि औद्योगिक क्षेत्र में नियमों के अधिक उल्लंघन की सूचना मिली है, जो विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान वायु प्रदूषण में एक प्रमुख कारक हैं। केंद्र ने कहा कि वायु प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण की दिशा में आयोग द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उद्योगों को स्वच्छ ईंधन में बदलने पर विचार किया जा रहा है और सभी राज्यों को निर्देश जारी किए गए हैं। हलफनामे में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में कुल 102 औद्योगिक इकाइयों को समय की पाबंदी के उल्लंघन के लिए बंद कर दिया गया और राज्य में 90 इकाइयों को सप्ताहांत पर काम करने के लिए जुर्माना भी लगाया गया। केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एनसीआर को बिजली आपूर्ति करने के लिए थर्मल पावर प्लांट्स जिन्हें बंद किया गया था वो 15 दिसंबर से फिर संचालित हो सकेंगे।
रीजनल नार्थ
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सख्ती नियमों के उल्लंघन को लेकर कई जगहों पर क्लोजर नोटिस जारी