नई दिल्ली । बीते कुछ वक्त से तटीय राज्य गोवा में मुश्किलों का सामना कर रही कांग्रेस को एक बार फिर से झटका लगा है। पोरवोरिम विधानसभा सीट के कई नेताओं ने इस्तीफे दे दिए हैं। अहम बात यह है कि ये इस्तीफे शुक्रवार सुबह उस वक्त दिए गए हैं, जब प्रियंका गांधी राज्य के दौरे पर आ रही हैं। इन नेताओं का कहना है कि कांग्रेस राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर सीरियस नहीं दिख रही है। कुछ नेताओं के एटिट्यूड से ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस चुनाव लड़ने को लेकर गंभीर नहीं है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य गुपेश नायत ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी राज्य में चुनाव को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। अब तक उसने अपनी कोई तैयारी भी शुरू नहीं की है।' कहा जा रहा है कि इस्तीफा देने वाले नेताओं का गुट निर्दलीय विधायक रोहन खौंटे को समर्थन कर रहा है। दक्षिण गोवा के सीनियर नेता मोरेनो रेबेलो ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अपना इस्तीफा देते हुए रेबेलो ने लिखा है कि वह मौजूदा विधायक एलेक्सियो रेगिनाल्डो को एक बार फिर से टिकट दिए जाने से निराश हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के खिलाफ काम करते रहे हैं और उसके बाद भी कर्टोरिम सीट से उन्हें टिकट दिए जाने से वह नाराज हैं। उन्होंने कहा कि विधायक ने बीते 4.5 सालों में पार्टी के किसी आयोजन में हिस्सा नहीं लिया है और हमेशा पार्टी के नेताओं के खिलाफ बोलते रहे हैं। उन्होंने गोवा प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष गिरीश चोडनकर को लिखे खत में यह बात कही है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन न हो पाने के बाद ये इस्तीफे हुए हैं। पिछले दिनों ही कांग्रेस के नेता रहे पूर्व सीएम लुईजिन्हो फलेरियो ने कई नेताओं के साथ टीएमसी का दामन थाम लिया था। इसके अलावा आम आदमी पार्टी भी लगातार ताल ठोक रही है। ऐसे में कांग्रेस के लिए गोवा में मुश्किल खड़ी हो गई हैं। एक तरफ भाजपा संगठित नजर आ रही है तो वहीं कांग्रेस आपसी कलह से परेशान है। इसके अलावा सेक्युलर विचारधारा से जुड़ी कुछ अन्य पार्टियों की सक्रियता ने भी उसे परेशान किया है।
रीजनल वेस्ट
प्रियंका गांधी के दौरे के दिन गोवा में कांग्रेस को झटका