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दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए कोच राहुल द्रविड़ ने हनुमा बिहारी के रुप में ढूंढा टीम का संकटमोचक 

दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए कोच राहुल द्रविड़ ने हनुमा बिहारी के रुप में ढूंढा टीम का संकटमोचक 

नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम को इसी माह 3 टेस्ट सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना है। पहले सीरीज 17 दिसंबर से शुरू होनी थी।लेकिन दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ने के कारण 9 दिन के लिए टाल दिया गया।अब टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला 26 दिसंबर से सेंचुरियन में होगा। लेकिन टेस्ट सीरीज से पहले दिग्गज खिलाड़ियों के हालिया फॉर्म ने भारतीय टीम मैनेजमेंट की परेशानी बढ़ा रखी है।खासकर चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के प्रदर्शन ने, यह दोनों बीते कई सालों से मिडिल ऑर्डर में भारतीय बल्लेबाजी की अहम कड़ी हैं।लेकिन बीते साल भर से दोनों बल्लेबाज खुद रनों के लिए जूझ रहे हैं।इसके बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे पर यह टीम इंडिया की सबसे बड़ी परेशानी बन सकती है।हालांकि, कोच राहुल द्रविड़ ने इसका हल ढूंढ लिया है।
द्रविड़ पहले से ही जानते थे, कि दक्षिण अफ्रीका दौरा आसान नहीं रहने वाला है। वहां की उछाल भरी पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों को हमेशा से मुश्किल आती हैं, ऊपर से रहाणे, पुजारा और कप्तान विराट कोहली भी पूरी तरह रंग में नहीं हैं। यह देखकर उन्होंने हनुमा विहारी को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में मौका देने के बजाए इंडिया-ए टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भेजने का फैसला किया, और उनकी जगह श्रेयस अय्यर को घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए मौका दिया। इसके पीछे कोच राहुल की सोच साफ थी वहां चाहते थे कि विहारी टेस्ट सीरीज से पहले दक्षिण अफ्रीका की कंडीशंस और पिच के मिजाज से अच्छे से वाकिफ हो जाएं। वहीं, श्रेयस को भी टेस्ट खेलने का मौका मिल जाए और दोनों ही बातें टीम इंडिया के हक में गईं। क्योंकि हनुमा विहारी ने भी दक्षिण अफ्रीका में अच्छी बल्लेबाजी की और श्रेयस ने भी पहली टेस्ट सीरीज में शतक और अर्धशतक जड़कर मिडिल ऑर्डर के लिए एक विकल्प और मुहैया करा दिया।इसकारण उन्हें दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए चुना भी गया है।द्रविड़ के हेड कोच बनने के बाद से ही योजना में बदलाव आया है।वहां किसी भी अहम सीरीज और टूर्नामेंट से पहले इंडिया-ए टीम को उस देश के दौरे पर भेजने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इंडिया-ए का हालिया दक्षिण अफ्रीका दौरा भी इसी रणनीति का हिस्सा था। 
अब द.अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पुजारा और रहाणे अगर रन बनाने में नाकाम भी होते हैं,तब हनुमा विहारी टीम के संकटमोचक बन सकते हैं।उन्होंने इंडिया-ए टीम के हालिया साउथ अफ्रीका दौरे पर इस साबित भी किया है। दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ अनाधिकारिक टेस्ट सीरीज जरूर ड्रॉ पर खत्म हुई।लेकिन हनुमा बल्ले से चमके। उन्होंने इंडिया-ए के लिए सबसे ज्यादा 227 रन बनाए।हनुमा ने 5 पारियों में 3 अर्धशतक ठोके और दो बार नाबाद रहे।हनुमा विहारी का हालिया प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि वहां दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए पूरी तरह तैयार हैं और कोच द्रविड़ ने जिस रणनीति के तहत उन्हें इंडिया-ए टीम के साथ भेजा था।वहां सफल रही।अब टीम मैनेजमेंट को यह तय करना है कि विहारी का टेस्ट सीरीज में कैसे और कहां इस्तेमाल किया जाए।
 

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