नई दिल्ली ।उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में सरयू नहर प्रॉजेक्ट का उद्घाटन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछली सरकारों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि यह परियोजना 50 सालों में पूरी हुई। पीएम ने कहा कि जिस समय इस परियोजना की शुरुआत हुई थी उस समय महज 100 करोड़ रुपए में पूरी हो जाती, लेकिन देरी की वजह से लागत बढ़ती गई और अब इस पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं। पीएम मोदी ने श्रेय लेने की कोशिश करने पर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुटकी ली और कहा कि हो सकता है कि बचपन में उन्होंने ही फीता काटा हो। पीएम मोदी ने कहा, सार्वजनिक जीवन में मुझे लंबे समय से काम करने का सौभाग्य मिला है। मैंने पहले की कई सरकारें और उनका कामकाज देखा है। इस लंबे कालखंड में मुझे जो सबसे अधिक अखड़ा और जिससे सबसे अधिक पीड़ा हुई, वह है देश के धन, समय और संसाधन का दुरुपयोग, अपमान। सरकारी पैसे हैं तो मुझे क्या, मेरा क्या। यह तो सरकारी है। यह सोच देश के संतुलित और संपूर्ण विकास में सबसे बड़ी रुकावट बन गई है। इसी सोच ने सरयू नहर प्रॉजेक्ट को लटकाया भी, भटकाया भी। आज से करीब 50 साल पहले इस पर काम शुरू हुआ था। आज इसका काम पूरा हुआ है। पीएम ने परियोजना में देरी से लागत बढ़ने का उदाहरण देते हुए कहा, ''देश के नागरिक, हिन्दुस्तान का हर नागरिक और नौजवान समझे, जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था तो इसकी लागत 100 करोड़ रुपए से भी कम थी और आज यह लगभग 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करने के बाद पूरी हुई है। यह पैसा किसका था? यह धन किसका था? आपका था कि नहीं? इसके मालिक आप थे कि नहीं? आपकी मेहनत का एक एक रुपया सही से इस्तेमाल होना चाहिए था कि नहीं? जिन्होंने नहीं किया वह आपके गुनहगार हैं कि नहीं? इसे सजा देंगे?' उन्होंने आगे कहा, ''पहले की सरकारों की लापरवाही से देश को 100 गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी। यदि पिछले 25-30 साल में किसानों के पास यह पानी पहुंचा होता तो वह सोना पैदा करता कि नहीं? दशकों की देरी की वजह से किसानों का अरबों-खरबों का नुकसान हुआ है। सरयू नहर प्रॉजेक्ट को लेकर श्रेय लेने की कोशिश में जुटे पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर नाम लिए बिना निशाना साधते हुए पीएम ने कहा, ''जब मैं आज दिल्ली से चला तो सुबह से मैं इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा और कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो हमने काटा था। यह योजना तो हमने शुरू की थी। कुछ लोग हैं जिन्हें आदत है ऐसा कहने की, हो सकता है बचपन में इसका भी फीता उन्होंने ही काटा हो। कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटने की है, हमारी प्राथमिकता योजनाओं को समय पर पूरा करने की है। 2014 में जब मैं सरकार में आया तो यह देखकर हैरान था कि देश में सिंचाई की 99 बड़ी परियोजनाएं देश के अलग अलग कोनों में दशकों से अधूरी पड़ी हैं। सरयू नहर योजना में जितना काम 5 दशक में हो पाया था उससे ज्यादा काम करने 5 साल में करके दिखाया। यही तो डबल इंजन सरकार है। यही तो डबल इंजन सरकार की रफ्तार है।
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100 करोड़ रुपए की योजना 10 हजार करोड़ रुपए में पूरी हुई अखिलेश की ली चुटकी