मुंबई, । महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटी) के कर्मचारी अपनी मांग को लेकर पिछले महीने से हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में शामिल होने और सरकार के निर्देश के बाद भी ड्यूटी ज्वॉइन नहीं करने वाले दर्जनों कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया है लेकिन कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौटे जिसे देखते हुए अब सरकार ने अपना मूड बदला है। सरकार सभी निलंबित एसटी कर्मचारियों पर कार्रवाई का निर्णय वापस लेकर उनके निलंबन को रद्द करने की तैयारी में है। उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार से सभी कर्मचारी अपनी सेवा पर तैनात हो सकेंगे। राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा है कि आंदोलन में शामिल एसटी कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। एसटी कर्मचारियों का निलंबन वापस कर लिया जाएगा। सोमवार से इच्छुक सभी एसटी कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात हो सकेंगे। सभी की सेवा बहाल की जाएगी। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के विरुद्ध भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि २० दिसंबर को उच्च न्यायालय में इस विषय को लेकर सुनवाई होगी। इस दौरान न्यायालय की ओर से गठित समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी, ऐसी संभावना है। समिति १२ सप्ताह अर्थात जनवरी के तीसरे सप्ताह तक अपनी फाइनल रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद ही कुछ निर्णय हो सकेगा। परिवहन मंत्री ने कहा कि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासनिक मामला मानकर कार्रवाई की गई है, लेकिन काम पर आने को तैयार कर्मचारियों को सकारात्मक माहौल प्रदान करने के लिए हमने उनके निलंबन को रद्द करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता, स्कूल, कॉलेज के छात्र, वरिष्ठ नागरिकों आदि को बेवजह परेशानी हो रही है। हम उन्हें एसटी सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपको बता दें कि एसटी निगम के राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर एसटी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है। यह हडताल पिछले एक महीने से अधिक समय से चल रहा है।
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महाराष्ट्र में एसटी कर्मचारियों से परिवहन मंत्री ने एक बार फिर की हड़ताल वापस लेने की अपील