YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

वर्ल्ड

मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नॉलॉजी ने 20 मिनट में पता लगेगा की ओमिक्रॉन वेरिएंट से ओमिक्रॉन वेरिएंट 

मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नॉलॉजी ने 20 मिनट में पता लगेगा की ओमिक्रॉन वेरिएंट से ओमिक्रॉन वेरिएंट 

सियोल । कोरियाई रिसर्चर्स ने ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान के लिए मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नॉलॉजी विकसित की है। इसमें दावा किया जा रहा है, कि 20 मिनट में ही पता लगेगा कि व्यक्ति ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित है या नहीं।शोध हाल ही में पूरा हुआ है हालांकि अभी इस दुनिया भर में पहुंचने में वक्त लग सकता हैं। एक रिसर्ट टीम ने मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नॉलॉजी विकसित की है, जो केवल 20-30 मिनट में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाकर इसका परिणाम ऑनलाइन जारी होगी। 
रिसर्च टीम के अनुसार, मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नॉलॉजी सिंगल-न्यूक्लियोटाइड आधार पर म्यूटेशन को अलग कर सकती है, इसलिए यह ‘स्टील्थ ओमिक्रॉन का पता लगा सकती है, जिसका पता आरटी-पीसीआर के जरिए लगाना मुश्किल होता है।कोरिया में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र कोरोना वेरिएंट का पता लगाने के लिए फिलहाल तीन तरीकों का उपयोग कर रहा है।इसमें फुल जिनोम सिक्वेंसिंग, टार्गेट डीएनए (स्पाइक प्रोटीन जैसे म्यूटेशन) एनालिसिस और आरटी-पीसीआर जांच शामिल है।डेल्टा वेरिएंट के मामले में, आरटी-पीसीआर जांच द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है,लेकिन ओमिक्रॉन में यह कारगर नहीं है।इस बार नई विकसित तकनीक डीएनए या आरएनए को सीक्वेंस करने की प्रक्रिया नहीं है बल्कि मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नोलॉजी है।
 

Related Posts