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नागालैंड में मारे गए लोगों के परिजनों ने मुआवजा लेने से किया इनकार

नागालैंड में मारे गए लोगों के परिजनों ने मुआवजा लेने से किया इनकार

नई दिल्ली । नागालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में सेना की गोलीबारी में मारे गए 14 लोगों के परिवार वालों ने घटना में शामिल सुरक्षा कर्मियों को 'न्याय के कटघरे' में लाने तक कोई भी सरकारी मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है। ओटिंग ग्राम परिषद ने एक बयान में कहा कि पांच दिसंबर को जब स्थानीय लोग गोलीबारी और उसके बाद हुई झड़प में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर रहे थे, तब राज्य के मंत्री पी पाइवांग कोन्याक और जिले के उपायुक्त ने 18 लाख 30 हजार रुपये दिए। बयान में कहा गया कि पहले उन्हें लगा कि यह मंत्री ने सद्भावना के तौर पर दिए हैं, लेकिन बाद में पता चला कि यह मारे गए और घायलों के परिवारों के लिए राज्य सरकार की ओर से अनुग्रह राशि की एक किस्त थी। बयान में कहा गया, 'ओटिंग ग्राम परिषद और पीड़ित परिवार, भारतीय सशस्त्र बल के 21वें पैरा कमांडो के दोषियों को नागरिक संहिता के तहत न्याय के कटघरे में लाने और पूरे पूर्वात्तर क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को हटाने तक इसे स्वीकार नहीं करेंगे। इस बयान को रविवार को जारी किए गया, जिस पर ग्राम परिषद के अध्यक्ष लोंगवांग कोन्याक, अंग (राजा) तहवांग, उप अंग चिंगवांग और मोंगनेई और न्यानेई के गांव बुराह (गांव के मुखिया) के हस्ताक्षर थे। पुलिस के अनुसार, जिले में चार से पांच दिसंबर के दौरान एक असफल उग्रवाद विरोधी अभियान और जवाबी हिंसा में कम से कम 14 नागरिक की मौत हो गई और एक सैनिक की जान चली गई थी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी शहीदों को याद करते हुए कू एप पर कहा, "13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहुति देकर लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करने वाले अमर शहीदों को नमन पियुष गोयल ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कू एप पर कहा, " यह कभी न भूलें कि आज ही के दिन 20 साल पहले भारतीयों के साहस और बलिदान की जीत हुई थी। 2001 में भारत के लोकतंत्र के मंदिर पर कायरतापूर्ण आतंकवादी हमला बेजोड़ वीरता के साथ किया गया था। अपने प्राणों से हमारी संसद की रक्षा करने वाले वीरों को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। बता दें कि 20 साल पहले लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए- मोहम्मद आतंकवादी संगठन के आतंकवादियों ने पार्लियामें पर हमला करते हुए धड़ल्ले से गोलियां चलाई थी। इस गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हो गई। हालांकि सुरक्षाबलों की कार्रवाई में कई आतंकवादी भी मारे गए। 
 

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