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चरस-माफिया का बढ़ता चक्रव्यूह तोड़ना होगा ? 

चरस-माफिया का बढ़ता चक्रव्यूह तोड़ना होगा ? 

हिमाचल में चरस-माफिया का चक्रव्यूह बढ़ता जा रहा है इस चक्रव्यूह को तोड़ना होगा यदि लापरवाही बरती तो चारों तरफ चरस के सौदागरों का साम्राज्य फैल जाएगा फिर पछताने के अलावा कुछ हासिल नहीं होगा।ताजा मामलें में 6 दिंसबर को मंडी के नागचला-डडौर फोरलेन पर में एक एंबूलैंस के डैशबोर्ड से 712 ग्राम चरस बरामद की गई।गुप्त सूचना के आधार पर चरस तस्का को दबोचा गया।एंबूलैंस चालक को गिरफतार कर लिया है।तस्कर नए- नए तरीके अपनाकर चरस का काला कारोबार कर रहे है।ऐबूलैंस में चरस का यह पहला मामला प्रकाश में आया है।हिमाचल पुलिस ने तस्करों की कमर तोड़ दी है  मगर यह काला ध्ंाधां करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है।जनवरी 2021 से लेकर 30 नवंबर तक इन 11 महिनों में ऐसा कोई दिन नहीं होगा जब चरस की खेप न पकड़ी हो यह क्रम कभी नहीं टूटा है निरंतर बढता जा रहा है। चरस के मामलों में पडा़ेसी राज्यों के लोगों की संख्या काफी है यह लोग हिमाचल में घूमने आते है और इस धंधे को करते है और पुलिस के हाथों से बच नहीं पाते।ऐसे लोगों को आजीवन कारावास देना चाहिए जो घूूमने-फिरनेे की आड़ में काले धंधे कर रहे हैं। 26 सितंबर 2021 को कुल्लु में नाका बंदी के दौरान बंजार के एक युवक से 1 किलो से ज्यादा चरस बरामद की थी।कुल्लु के बंजार उपमंडल की श्रीकोट पंचायत के जंगल से 127 किलो चरस के पकडे जाने से देवभूमि की साख पर बटटा लगा था।295 किलो गांजा भी बरामद किया था। डेढ सालों में 412 किलों चरस पकडी गई है।यह प्रदेश की सबसे बड़ी खेप है।तत्कालिन एसपी गौरव सिंह व एसआईयू के नेतृत्व में 27 सदस्यों की सयुक्त टीम ने इस आपरेशन को अंजाम दिया था और चरस माफिया को बेनकाब किया था। चार लोगों को गिरफतार कर लिया था।चरस की कीमत करोडों में थी। आंकडों के अनुसार वर्ष 2002 में कुल्लु में 107 किलो चरस पकडी गई थी। 2 नवंबर 2019 को कुल्लू के तत्कालिन एसपी गौरव सिंह की अगुवाई में सुबह चार बजे माफिया के ठिकाने पर छापा मारा था।जब अरोपी सो रहे थे।कुल्लु की पार्वती घाटी के दुगर्म क्षेत्र पिनसू थाच में पुलिस ने चरस माफिया पर कड़ी कारवाई की थी। इस कारवाई में 3 किलो चरस ,एक क्ंिवंटल भांग का बीज व गांजा बरामद किया था।पुलिस ने पांच महिलाओं समेत ढाई दर्जन आरोपियों को गिरफतार कर लिया है। आरोपी स्थानिय व नेपाली मूल के थेै।पुलिस की इस कारवाई ने चरस माफिया की चुलंे हिल गई है।अगर हर जगह ऐसी कारवाईयां होती रहे तांे एक दिन हिमाचल चरस मुक्त हो
जाएगा।पुलिस ने 20 किलोमीटर पैदल चलकर कर इस आपरेशन को अंजाम दिया था। हिमाचल में चरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है।एक साल पहले सुंदरनगर में दो सगे भाईयों से 3 किलो नौ सौ चैतीस ग्राम चरस पकड़ने में सफलता हासिल की थी।नशा तस्करों ने विजिलैंस टीम पर हमला कर दिया था। चरस का कारोबार करने वाले रातों-रात अमीर बननें के चक्कर में इन काले धंधों में आकर अपना भविष्य दाव पर लगा रहे हैं। चरस माफिया के बढते कदम प्रदेश की युवा पीढी की विनाश की इबारत लिख रहे है।माफिया के लोग युवाओं का जीवन तबाह कर रहे है।युवा चंद पैसांे के लालच में चरस का काला कारोबार कर रहे है और पकड़े जा रहे है।आज हजारो की संख्या में चरस के आरोपों में पकड़े गए
लोग जेलों में सड़ रहे है।चरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है प्रदेश पुलिस ने नशें के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है फिर भी यह लोग बेखौफ होकर चरस के कारोबार को अंजाम दे रहे है।चरस माफिया के कारण देवभूमि हिमाचल बदनाम होता जा रहा है।चरस माफिया निरकुंश होता जा रहा है इस पर अंकुश लगाना होगा।प्रदेश में प्रतिदिन बड़ी-बड़ी खेपें बरामद की जा रही है।चरस का यह कारोबार बढ़ता ही जा है।हर साल हजारों लोग पकड़े जा रहे है।चरस के मामलों में बेतहासा वृद्वि होती जा रहीे है।एक सप्ताह पहले सुन्दरनगर में भी पंजाब के युवकों को दस किलो अफीम के साथ पकड़ा था।वर्ष 2021 के 11 महिनों  में ऐसा कोई दिन नहीं होगा जिस दिन चरस न पकड़ी गई हो।चंबा से लेकर किन्नौर तक हर जगह चरस के मामले प्रकाश में आ रहे है।चरस के कारोबार करने वाले लोगों में अधिकांश लोग पड़ोसी राज्यों के ही है।चंद माफिया के लोगों की काली करतूतों के कारण देवभूमि की साख मिटटी में मिलती जा रही है।प्रदेश पुलिस को चरस का कारोबार करने वालों पर शिकंजा कसना होगा।चरस के कारण देवभूमि कलंकित होती जा रही है। पुलिस ने चरस माफिया के खिलाफ से
यह अभियान चला रखा है।हर रोज चरस पकड़ी जा रही है।प्रदेश के हर जिला में  चरस माफिया के लोग पकड़े जा रहे है।अधेड़ से लेकर नाबालिग इन ध्ंाधों में सलिप्त है।महिलाएं भी पुरुषों से एक कदम आगे है। विदेशी-व पड़ोसी राज्यों के लोगों की बजह से हिमाचल विश्व स्तर पर कंलकित होता जा रहा है।प्रदेश में प्रतिदिन बड़े पैमाने पर चरस के मामले पकड़े जा रहे है मगर चरस माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।प्रदेश के लागों के साथ-साथ बाहरी राज्यों के लोग हर रोज चरस के साथ पकड़े जा रहे है।यह लोग पर्यटक बनकर चरस
का काला ध्ंाधा कर रहे है। प्रदेश के हर जिले में नशे के सौदागरों का जाल बिछता जा रहा है इस जाल को काटने में प्रदेश पुलिस अहम भूमिका निभा रही है मगर चरस माफिया को पूरी तरह नेस्तनाबूद नहीं कर पाया है। यदि पुलिस पूरी तरह से सक्रिय हो जाए तो इस माफिया के कदम रोक जा सकते हैं। अक्सर देखा गया है कि चरस का कारोबार करने वालों के साथ कई निर्दाेष लोग भी फंसते जा रहे हैं या फंसाए जा रहे हैं जिनका कोई लेना -देना नहीं होता।
2021 के 11 माह में प्रदेश पुलिस ने प्रदेश के हर जिले में चरस की बड़ी-बड़ी खेपें पकड़ने में सफलता हासिल की है।काले सोने के इस कारोबार में महिलाएं भी पकड़ी जा रही हैं।मण्डी व कुल्लु, चंबा, जिला में हर रोज चरस के मामलों में अप्रत्याशित रुप से बढ़ोतरी हो रही है। चरस के इन सरगनाओं को सजा-ए-मौत देनी चाहिए जो मौत बांट रहे हैं और देश के भविष्य कहलाने वाले युवाओं को असमय मौत के मुंह में धकेल रहे हैं। चरस माफिया के सूत्रधारों को बेनकाब करना होगा क्योकि पुलिस की पकड़ में तो छोटी-छोटी मछलियां ही आती हैं जबकि बडे मगरमच्छ तो कम ही जाल में फंसते है।प्रदेश में चरस के आंकडे़ चैकांने वाले हैं। विदेशी लोग हिमाचल में घूमने के नाम पर चरस का कारोबार कर रहे हैं।गोरे लोग चरस का काला धंधा कर रहे है आज पता नहीं कितने ही विदेशी प्रदेश की जेलों में सजा काट रहे हैं। नेपाली लोग भी इस धधें में पकड़े जा रह ह यह नेपाली लोग होटलों व लोगों के घरों में नौकरियां करतें है हालाकि समय ≤ पर भांग उखाड़ो अभियान चलाया  जाता है मगर चरस के कारोबारी इस काम को बदस्तूर जारी रखे हुए हैं। चरस के आरोप में लोग तो जेलों में उम्रभर सड़ते है मगर इन आरोपियों के नये वाहन भी पुलिस चैकियों में सड़ जाते हैं। चरस के इस बढते कारोबार पर लगाम लगानी होगी।ऐसे भी मामले सामने आते हैं कि बसों में लावारिस बैगों में चरस बरामद होती है और सफर कर रहे निर्दोष लोगों को बेबजह परेशान किया जाता है पुलिस के कर्मचारियों द्वारा लोगों की तलाशी ली जाती हैं। बसों में सफर करने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जाए ताकि शरीफ व इज्जदार लोगों को राहत मिल सके जिन्हे बेवजहेे परेशानी होती हैं।महिलाओं का भी चरस के इस कारोबार में संलिप्तता से हिमाचल की साख पर बदनामी का दाग चस्पां हुआ है चरस के काले करोबार मे ंहिमाचली महिलाएं चरस की सरगनाएं  कैसे बन गई यह एक यक्ष प्रशन बनता जा रहा है कि ऐसी कौन सी मजबूरियां है कि महिलाओं को अपनी मान-मर्यादाओं का जरा भी ख्याल नहीं है कि इस काले कारोबार में फंसती जा रही है। प्रदेश में हर वर्ष सैंकड़ों क्विटंल चरस पकड़ी जाती है जिसे पुलिस विभाग के लोग आग के हवाले करके जला देते हैं। चरस के मुख्य सरगनाओं को सार्वजनिक स्थानो पर सजा देनी चाहिए । अगर अब भी लापरवाही बरती तो चरस माफिया की जड़े गहरी होती जाएगी जिन्हे काटना मुशिकल हो जाएगा।यह प्रदेश हित में है। पुलिस को अपना अभियान पूरा वर्ष जारी रखना चाहिए ताकि इन पर शिकंजा कसा रहे और चरस का यह काला धंधा पूरी तरह खत्म हो सके।ताकि गैर कानूनी कारोबार करने वाले लोग बेनकाब हो सकें।पुलिस को सक्रियता से इन माफिया के लोगों को पकडना होगा तभी इस पर पूर्ण रोक लग सकती हैं। प्रदेश में फैलते चरस माफिया के लोगों के इस जाल को काटना समय की पुकार है यदि लोगों ने कोई कदम न उठाए तो प्रदेश में चरस माफिया की जडें़ इतनी फैल जाएगी कि इन्हे काटना बेहद मुशिकल हो जाएगा। ।हिमाचल पुलिस को अपना अभियान पूरा वर्ष जारी रखना चाहिए ताकि इन पर शिकंजा कसा रहे और चरस का यह काला धंधा पूरी तरह खत्म हो सके।ताकि गैर कानूनी कारोबार करने वाले लोग बेनकाब हो सकें।पुलिस को सक्रियता से इन माफिया के लोगों को पकडना होगा तभी इस पर पूर्ण रोक लग सकती हैं। समाज के लोगों को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा ताकि इन चरस माफियों का साम्राज्य खत्म किया जा सके ।अभी समय है फिर पछतानें कि सिवाय कुछ नहीं होगा।चरस माफिया का सफाया करना होगा ताकि हिमाचल की साख पर दाग न लग सके।प्रदेश में फैलते चरस माफिया के लोगों के इस जाल को काटना समय की पुकार है यदि लोगों ने कोई कदम न उठाए तो प्रदेश में चरस माफिया की जडें़ इतनी फैल जाएगी कि इन्हे काटना बेहद मुशिकल हो जाएगा। अगर अब भी लापरवाही बरती तो चरस माफिया की जड़े गहरी होती जाएगी जिन्हे काटना मुशिकल हो जाएगा।यह प्रदेश हित में है। चरस माफिष का फन कुचलना होगा।ऐसे आपरेशन होते रहेगें तो प्रदेश चरस मुक्त हो जाएगा।
(लेखक-नरेन्द्र भारती )
 

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