नई दिल्ली । केंद्र में किसानों से मात खाई भाजपा अब पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के खिलाफ वही अस्त्र इस्तेमाल कर रही है। गौरतलब है कि ममता ने किसानों के पक्ष में खूब आवाज उठाई थी। अब भारतीय जनता पार्टी ने आज से पश्चिम बंगाल के सिंगूर में धरना शुरू किया है। तीन दिन तक चलने वाले इस धरने में राज्य में किसानों की हालत पर ममता बनर्जी सरकार को घेरने की योजना है। यह धरना पश्चिम बंगाल के किसानों की सात सूत्रीय मांगों के समर्थन में बुलाया गया है। इनमें किसानों के उत्पादों पर एमएसपी और ईंधनों पर वैट घटाने की मांग भी शामिल है। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने बताया कि इसके अलावा बिचौलियों को हटाने, किसानों के उत्पाद का सही मूल्य आदि मांगें भी इसमें शामिल हैं। इन सात सूत्रीय मांगों में बेमौसमी बरसात के चलते नुकसान उठा रहे किसानों के लिए राहत पैकेज और विभिन्न ब्लॉकों में किसान मंडियों को शुरू करने की भी बात है। समिक भट्टाचार्य ने बताया कि पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में स्थित सिंगूर को इस विरोध प्रदर्शन के लिए चुनने के पीछे एक खास वजह है। असल में 14 साल पहले यहीं से ममता बनर्जी ने भूमि अधिग्रहण का विरोध शुरू किया था। यह एक बड़ा राजनीतिक संघर्ष माना जाता है। समिक ने दावा किया कि सत्ता में आने के बाद ममता किसानों को भूल गई हैं। उनके कार्यकाल में राज्य में कहीं भी औद्योगिक विकास नहीं हुआ है। उधर शनिवार को विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ किसान मोर्चा के कई सदस्य थे। अधिकारी ने इस दौरान मांगों की लिस्ट राज्यपाल को सौंपी। गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन हाल ही में खत्म हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांग मान लेने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। वहीं सदन में भी तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है।
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ममता को उन्हीं के हथियार से घेर रही भाजपा