वाशिंगटन । अफगानिस्तान की माली हालात लगातार बदतर होती जा रही है। इस बीच अमेरिका ने अफगानिस्तान के फ्रोजन फंड में जमा 9.5 बिलियन डॉलर को देने से मना कर दिया है।व्हाइट हाउस प्रवक्ता जेन साकी ने कहा है, कि यह एक जटिल प्रक्रिया है और हम तालिबान तक पैसे नहीं पहुंचने दे सकते हैं।
साकी ने कहा है कि सहयोगियों से बातचीत के बाद ही मामले पर कोई फैसला होगा। उन्होंने कहा है कि अमेरिका फंड जारी नहीं कर सकता, क्योंकि 11 सितंबर के पीड़ितों के परिवारों ने उन्हें पैसे दिए जाने की गुहार लगाई है। यह याचिका हमारे लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही अमेरिका ने अब तक तालिबान को एक आतंकी गुट के तौर पर मान्यता दी।इतना ही नहीं अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के अधिकांश अधिकारी संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में हैं।
साकी ने बताया है कि तालिबान द्वारा इस्तेमाल नहीं होने वाले पैसे और अफगान लोगों को पैसा कैसे दिया जाए, इस लेकर अभी तक कोई आम सहमति नहीं बनी है। इससे पहले, अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्ताकी ने कहा था कि अमेरिका को अफगानिस्तान की संपत्ति जारी करनी चाहिए।मुत्ताकी ने अमेरिका को चेतावनी देकर कहा था है कि खराब आर्थिक स्थिति बड़े पैमाने पर पलायन को जन्म दे सकती है। अगर मौजूदा स्थिति बनी रहती है,तब अफगान सरकार और लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और क्षेत्र और दुनिया में बड़े पैमाने पर पलायन संभव है।
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अमेरिका की दो टूक, अफगानिस्तान के फ्रोजन फंड को जारी नहीं करेगा