जेनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आशंका जाहिर की है कि कोरोना के नए वेरिएंट की वजह से मौतों की संख्या बढ़ सकती है। ओमिक्रॉन को लेकर डब्ल्यूएचओ ने कहा अब जबकि वेरिएंट ऑफ कंसर्न से संबंधित मामले दुनियाभर में बढ़ रहे हैं तो हमारी आशंका है कि हॉस्पिटलाइजेशन और मौतों की संख्या बढ़ सकती है। डब्ल्यूएचओ ने कहा ओमिक्रॉन के बारे में और स्पष्ट जानकारी के लिए अभी ज्यादा डेटा की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर के देशों से ओमिक्रॉन का ज्यादा से ज्यादा डेटा कलेक्शन करने की अपील भी की है। संगठन का मानना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनिया में अपना असर छोड़ सकता है, लेकिन अभी इसके बारे में कोई भी बात कहना जल्दबाजी होगी। संगठन के मुताबिक जैसे जैसे डेटा सामने आते जाएंगे, तस्वीर साफ होती चली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले डब्ल्यूएचओ ने एक अध्ययन के आधार पर कहा था कि ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा से ज्यादा तेजी से फैलने के साथ ही वैक्सीन के प्रभाव को भी कम करता है। लेकिन दूसरी तरफ यह भी कहा है कि डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन से होने वाला संक्रमण कम घातक है। संक्रमित व्यक्ति में दिखने वाले लक्षण डेल्टा के मुकाबले बहुत कम गंभीर होते हैं।
इस बीच ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि दो डोज वाली वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं तैयार करती हैं। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने पाया है कि ओमिक्रॉन के कारण पहले वैक्सीनेशन करवा चुके लोगों में भी संक्रमण बढ़ सकता है। अभी तक हुई रिसर्च के मुताबिक ओमिक्रॉन गंभीर संक्रमण नहीं करता लेकिन कम्यूनिटी इन्फेक्शन का खतरा डेल्टा के मुकाबले कहीं ज्यादा है। अभी तक सामने आए मामलों में संक्रमित व्यक्ति में लक्षण गंभीर नहीं पाए गए हैं। लेकिन डबल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि अभी यह सब निष्कर्ष बहुत शुरुआती अध्ययन के आधार पर निकाले गए हैं। इस अध्ययन के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं है।
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कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन की वजह से बढ़ सकती है मौतों की संख्या : डब्ल्यूएचओ