शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। सत्र की शुरूआत प्रश्नकाल से हुई। सदन शुरू हुए कुछ ही समय हुआ था कि विपक्ष ने आरोप लगाया कि करोड़ों की सरकारी संपत्तियों को प्रदेश सरकार कौड़ियों के भाव में बेच रही है। विपक्ष ने मंडी, कुल्लू और सोलन जिले में एडीबी से लोन लेकर बनाई गई संपत्तियों को बेचने का आरोप लगाया। विपक्षी सदस्यों ने पहले अपने सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी की, उसके बाद वैल में आकर जबरदस्त नारेबाजी की। इस शोरगुल में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ने अपनी बात कहने की कोशिश की लेकिन विपक्षी सदस्यों ने उसे अनसूना कर दिया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और वन मंत्री राकेश पठानिया के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। विपक्ष के आरोपों पर सत्ता पक्ष भी भड़क गया। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार 200 करोड़ की संपत्तियों को लाखों रुपए में अपने चहेतों को बेच रही है। सदन से बाहर आकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये हिमाचल को बेचने का प्रकरण है। प्रदेश को लूटा जा रहा है और बेचा जा रहा है। जय राम सरकार इसमें शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंडी जिले के जंजैहली में करीब 27 करोड़ की लागत से टूरिस्ट कल्चरल सेंटर बनाया गया है। उसे अपने चेहते को मात्र सालाना 17 लाख रुपए में 15 साल के लिए दिया गया। इतना ही नहीं मंडी में एक अन्य स्थान पर 42 करोड़ की संपत्ति सालाना 25 लाख रुपए में 10 साल के लिए बेच दिया गया। इसके अलावा मनाली के बड़ाग्रां 47 करोड़ और सोलन जिले के क्यारीघाट में करीब 37 करोड़ की संपत्ति को बेचा गया है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 200 करोड़ रुपए की संपत्तियां कर्ज लेकर बनाई गईं और अब सरकार कौड़ी के भाव में उन्हें अपने चहेतों को बेच रही है। विपक्ष के आरोपों पर जबाव देते हुए भाजपा विधायक विशाल नैहरिया ने कहा कि कोरोना के चलते प्रदेश की आर्थिकी को खासा नुकसान हुआ। अर्थव्यवस्था की खराब स्थिती को देखते हुए कुछ संपत्तियां आउट सोर्स की गईं। उन्होंने कहा कि एमओयू साइन किए गए हैं। सरकार को यहां से अच्छी आय की उम्मीद है। नैहरिया ने कहा कि विपक्ष पिछले कई दिनों से बिना मतलब के हंगामा खड़ा कर रहा है। जबकि वर्तमान की अधिकांश समस्याएं पूर्व की कांग्रेस सरकार ने ही खड़ी की हैं।
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हिमाचल विस में फिर बरपा हंगामा, विपक्ष ने लगाये आरोप, वॉक आउट -विपक्ष ने एडीबी से लोन लेकर बनाई गई संपत्तियों को बेचने का आरोप लगाया