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ईडी निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने वाले विधेयक को मिली संसद की मंजूरी  -राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित, लोकसभा में 9 दिसंबर को पारित हुआ था बिल

ईडी निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने वाले विधेयक को मिली संसद की मंजूरी  -राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित, लोकसभा में 9 दिसंबर को पारित हुआ था बिल

नई दिल्ली। संसद ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी। इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक के कार्यकाल को वर्तमान दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष तक किये जाने का प्रस्ताव है। राज्यसभा में ध्वनिमत से इस विधेयक के पारित होने के साथ ही इसे संसद की मंजूरी मिल गई। लोकसभा में यह विधेयक नौ दिसंबर को पारित हुआ था। राज्यसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कार्मिक, लोक शिकायत, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इस विधेयक को पारित करने का फैसला कर उच्च सदन ने देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्ध कोशिशों का साथ दिया है।
  उन्होंने कहा कि 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में नरेंद्र मोदी ने काले धन के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा, ‘‘इस निर्णय के द्वारा प्रधानमंत्री ने देश में यह संदेश भेजा कि एक संकल्प से सिद्धि की यात्रा का प्रारंभ हुआ है। आज मैं देख सकता हूं कि हम उस संकल्प की सिद्धि की यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव पर खड़े हैं और लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर ने इस पर मुहर लगाकर मान्यता दी है। मुझे खुशी है कि आज उच्च सदन ने इस विधेयक को पारित करने का फैसला किया है और देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्ध कोशिशों का साथ दिया है।’’ सिंह ने कहा कि इस विधेयक को लाने का मकसद तो सदन ने इसे पारित करके पूरा कर दिया लेकिन जिन लोगों ने इस पर चर्चा से दूरी बनाई, उनके इस फैसले के बारे में इतिहास तय करेगा। विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेने के लिए सिंह ने इस विधेयक पर चर्चा में भाजपा के सुरेश प्रभु द्वारा कही गई उस बात का सहारा लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि आजकल कुछ लोग ईडी के नाम से डर जाते हैं। सिंह ने कहा कि जब प्रभु ने यह कहा तो, ‘‘तत्काल मेरे मन में विचार आया कि कहीं ऐसा तो नहीं कि जो डर जाते हैं वही इसका विरोध भी करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ईडी संस्था का बहुत सम्मान करते हैं क्योंकि उनके पास छुपाने को कुछ नहीं है और उन्हें किसी बात का डर नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विरोध के कारण विपक्ष ने एक ऐसी प्रतिष्ठित संस्था के विरोध का फैसला किया, जिसके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी है और देश की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि धन शोधन के जिन मामलों की जांच हो रही है उनमें से अधिकांश संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल के दौरान के 10 वर्षों के हैं और इनमें उस समय के कुछ प्रभावी लोग भी हैं।
 

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