बच्चों को बिस्तर में पेशाब करने रोकने के आसान तरीके है। इन तरीकों को अपनाकर आप न सिर्फ बच्चों की बेडवेटिंग की आदत छुड़ा सकते हैं बल्कि अपने बच्चे को बेडवेटर बनने से भी रोक सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि रात में सोते वक्त बच्चे के साथ-साथ आपकी भी नींद खराब न हो तो सोने से ठीक पहले बच्चे को बहुत ज्यादा पानी या लिक्विड का सेवन करने से रोकें। आप चाहें तो दिन के समय बच्चे को ज्यादा पानी पिला सकते हैं लेकिन शाम होते ही उसकी मात्रा थोड़ी कम कर दें। बेहद जरूरी है कि अब अपने बच्चे के लिए यूरिनेशन का एक शेड्यूल बना दें यानी सोने से पहले कम से कम 2-3 बार बच्चा अगर टॉइलट में जाकर पेशाब कर लेगा तो इस बात की आशंका कम हो जाएगी कि वह बिस्तर में पेशाब करे। साथ ही बिस्तर पर जाने से ठीक पहले भी बच्चे को टॉइलट में जाने की आदत डालें। अगर आपका बच्चा 5 साल की उम्र के बाद भी बिस्तर पर पेशाब कर रहा है तो इसके लिए बच्चे को दोषी ठहराकर उसे बुरा भला बिलकुल न कहें। बच्चा अपना इस हरकत की वजह से पहले से ही शर्मिंदा होता है। ऐसे में बच्चे को डांटने या उस पर गुस्सा करने से बच्चे पर प्रेशर बढ़ने लगता है और वे इसे नकारात्मक रूप से लेने लगते हैं। जहां तक संभव हो बच्चे को प्यार से समझाएं। अगर ऊपर बताए गए उपाय करने के बाद भी आपके बच्चे में किसी तरह का सुधार नहीं दिखता तो आप अपने पीडियाट्रिशन से इस बारे में सलाह मशविरा कर सकते हैं कि आखिर क्यों आपके बच्चे के साथ ऐसा हो रहा है और बच्चे में क्या दिक्कत है। कई बार कुछ मेडिकल कंडिशन्स और स्ट्रेस की वजह से भी बच्चे बेडवेटिंग करने लगते हैं। सिर्फ नवजात या छोटे बच्चे ही नहीं बल्कि 7-8 साल की उम्र तक के भी बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जो नींद में रहने पर बिस्तर में ही पेशाब कर देते हैं जिसे बेडवेटिंग भी कहा जाता है। यह समस्या बच्चों के लिए जहां शर्मिंदगी की वजह होती है वहीं पैरंट्स के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
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शाम होते ही बच्चों को पानी पिलाना कम कर दे -दिन के समय पीला सकते हैं बच्चों को ज्यादा पानी