नई दिल्ली । राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट राजस्थान में 30 सालों से चली आ रही हर चुनाव में सत्ता बदलने की परंपरा को तोड़ना चाहते हैं। हाल के उप चुनावों से उत्साहित पायलट मानते हैं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहेगा। यहीं से भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। मेरा किसी व्यक्ति विशेष से कभी कोई विवाद नहीं रहा। मैंने कुछ बुनियादी मुद्दों पर अपने सुझाव पार्टी आलाकमान को दिए थे। जिसके पीछे मकसद यह था कि राजस्थान में पिछले 30 सालों से एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की सरकार का जो सिलसिला चल रहा है, वह टूटे। इसके लिए हम संगठन और सरकार के स्तर पर और क्या अच्छा कर सकते हैं जिससे 2023 में हम फिर से सरकार बना सकें। मेरे सुझावों पर पार्टी ने कमेटी बनाई और उस दिशा में उचित कदम उठाए हैं, जिसका सबने स्वागत किया है। इसलिए जो पिछले 30 सालों में नहीं हुआ, वह 2023 में होगा। पार्टी तो पहले से एकजुट है। इस रैली के जरिये हमने महंगाई हटाने का नारा दिया है। केंद्र सरकार को ललकारा है, जिसका असर पूरे देश में होगा। आज पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाने-पीने की वस्तुओं के बढ़ते मूल्यों के कारण आम आदमी का जीवन मुश्किल हो गया है। लेकिन भाजपा सरकार को इसकी परवाह नहीं है, क्योंकि उसे लगता है कि वह ध्रुवीकरण की राजनीति करके हर चुनाव जीत लेगी। लेकिन महंगाई समेत केंद्र की अन्य विफलताओं को लेकर हमारा विरोध जारी रहेगा। जैसे केंद्र को किसान कानून वापस लेने पड़े हैं, वैसे ही महंगाई रोकने के लिए भी कदम उठाने होंगे। किसानों पर जो कर्ज सहकारी बैंकों का था, वह माफ कर दिया गया है। जो केंद्रीय बैंकों का है, उसके लिए काफी पहले प्रस्ताव दिया जा चुका है। वे केंद्र के अधीन हैं, इसलिए अटका है। दूसरी ओर केंद्र अरबों रुपये का कॉरपोरेट कर्ज माफ कर रही है, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं करने दे रही। जहां तक बेरोजगारी का प्रश्न है, निश्चित रूप से केंद्र की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था बिगड़ी है। इसका असर पूरे देश में पड़ा है। कोरोना से समस्या और बढ़ी है। केंद्र ने कहा कि कोरोना से उबरने को 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया है, लेकिन वह कहां गया? उससे रोजगार सृजन क्यों नहीं हो रहा? राजस्थान में तीन सालों में सरकार ने एक लाख नौकरियां दी हैं। आने वाले दिनों में और निकलेंगी।
रीजनल नार्थ
हर चुनाव में सत्ता बदलने की परंपरा को तोड़ना चाहते हैं सचिन पायलट