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प्रतिद्वंद्वी दलों ने महिलाओं के बारे में तभी बात की  जब कांग्रेस ने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा दिया - प्रियंका

प्रतिद्वंद्वी दलों ने महिलाओं के बारे में तभी बात की  जब कांग्रेस ने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा दिया - प्रियंका

रायबरेली । कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने रायबरेली में आयोजित 'लड़की हूं लड़ शक्ति हूं-शक्ति संवाद' को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की ''एक छोटी सी पहल ने सभी राजनीतिक दलों को जगा दिया है। उन्होंने 'प्रतिद्वंद्वी दलों पर महिलाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं के बारे में तभी बात करना शुरू किया जब उनकी पार्टी ने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा दिया। महिलाओं को उनके भविष्य का मंत्र देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, 'इस देश की सारी महिलाएं एकजुट होकर कहें कि हमें तुम ऐसी राजनीति दो, नहीं तो हम तुम्हें वोट नहीं देंगे तो आप बताओ कि कैसे नहीं बदलेगी इस देश की रा‍जनीति।'
प्रियंका गांधी ने सांप्रदायिकता और जातिवाद की राजनीति पर हमला करते हुए महिलाओं को उनकी ताकत का अहसास कराया और उनसे अपने वोट की ताकत से परिवर्तन लाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘हमें चुनावी मंचों से सांप्रदायिकता सिखाई जाती है, जातिवाद सिखाया जाता है, ये राजनीति हमें बंद करनी है। हमें चाहिए अपने भविष्य की राजनीति, विकास की राजनीति।' प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र की चर्चा करते हुए कहा, 'मेरे मन में आया कि महिलाओं के लिए कुछ करना है और सबसे बड़ी चीज क्या कर सकते हैं हम आपके लिए। हम आपको समझा सकते हैं कि आप अपनी शक्ति को पहचानो। हमने ये शक्ति विधान बनाया, यह महिलाओं के लिए घोषणा पत्र हैं। इसमें तमाम घोषणाएं हैं जो हम महिलाओं के लिए करना चाहते हैं, जो चीजें हम आपको सशक्त करने के लिए करना चाहते हैं।'
उन्होंने उन्नाव और हाथरस दुष्कर्म मामलों की चर्चा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के कार्यकाल के दौरान महिलाओं का उत्पीड़न होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के लिए मेरी पहल का असर इतना हुआ कि अब सभी दल महिलाओं की बात करने लगे हैं, परसों प्रधानमंत्री भी सभा करने जा रहे हैं जिसमें सिर्फ महिलाओं को बुलाया है। अब सारी पार्टियां महिलाओं की बात करने लगी हैं। एक छोटी सी पहल से जितनी भी राजनीतिक पार्टियां हैं सब उठ गई हैं, सब जाग गई हैं।'' उन्‍होंने कहा कि ''आज से आप लोग तय कर लो कि जो महिला को सशक्त करने का काम नहीं करेगा उसको वोट नहीं मिलेगा। इसका मतलब यह नहीं कि एक शौचालय बना दिया। यह वोट लेने का माध्यम है, आप को सशक्त करने का माध्यम नहीं है।''
प्रियंका गांधी  ने कहा कि ''आपको नौकरी दें, रोजी रोजगार दें, आपको आगे बढ़ने की शक्ति दें, समाज में ऐसा बदलाव लाएं कि आपका शोषण ना हो, इसलिए तुम लड़ो हम तुम्हारे साथ हैं, जितनी भी शक्ति मुझ में है, वह तुम्हारे साथ है। कांग्रेस पार्टी की पूरी राजनीतिक शक्ति तुम्हारे साथ है।'' कार्यक्रम समापन के बाद पत्रकारों से बातचीत में वाद्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री के जो कार्यक्रम हैं, वे बिल्कुल ऐसे हैं जैसे फिल्मों में सेट होते हैं, उस तरह से आयोजित होते हैं। प्रधानमंत्री बड़े बड़े श्लोक बोल रहे हैं, सबको लगता है याद होंगे, वहां वो टेलीप्रॉम्प्टर हैं, जो दिखा रहे हैं साफ-साफ कि प्रधानमंत्री पढ़ रहे हैं।
उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सरकारी संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी जी को पहली बार अपने राजनीतिक जीवन में लगा है कि महिलाओं के लिए कुछ करेंगे नहीं तो उनका वोट नहीं मिलेगा, इसलिए बड़ी बड़ी मीटिंग होने जा रही है और बसों में भरकर उसमें महिलाएं लाई जाएंगी। सब पीली साड़ियां पहनेंगी और फ‍िर प्रधानमंत्री भाषण देंगे। उन्‍होंने सवाल उठाया कि सात सालों में मोदी जी ने कब किया महिलाओं से संवाद? वे यही कहते हैं माताओं, बहनों बेटियों। क्या महिला और कुछ नहीं है? महिला का अपना अस्तित्व है, क्या बीजेपी ने उसे कभी पहचाना है?
 

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