नई दिल्ली । दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर 25 दिसंबर से टोल वसूली शुरू होनी है। उसके साथ ही एक्सप्रेसवे की लेन में चलने वाले दो और तिपहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की कवायद शुरू कर दी है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने दिल्ली पुलिस के साथ गाजियाबाद और मेरठ ट्रैफिक पुलिस को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया कि अब एक्सप्रेसवे की छह लेन में दो और तिपहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से रोक दिया जाए। इसके लिए एनएचएआई ने एक्सप्रेसवे पर बने तीन कंट्रोल रूम का लिंक पहले से दिल्ली और यूपी ट्रैफिक (मेरठ व गाजियाबाद) पुलिस को मुहैया कराया है। साथ में अब व्यवस्था की है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने व अवैध रूप से प्रवेश लेने वाले वाहनों की वीडियो फुटेज भी हर 24 घंटे में संबंधित क्षेत्र की ट्रैफिक पुलिस को मुहैया कराएगा। करीब 56 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को यातायात की दृष्टि से सुरक्षित बनाने के लिए एनएचएआई चाहती है कि प्रतिबंधित वाहनों को प्रवेश न मिले। अभी तक सराय काले खां से लेकर परतापुर (मेरठ) तक बड़ी संख्या में दो पहिया वाहन एक्सप्रेसवे की लेन में चल रहे हैं। सराय काले खां से डासना (गाजियाबाद) तक 14 लेन की सड़क है, जिसमें बीच की छह लेन एक्सप्रेसवे के लिए आरक्षित है। नियमों के तहत इन लेन में दो और तीन पहिया वाहनों के साथ ही बैल गाड़ी का प्रवेश प्रतिबंधित है। यह सभी वाहन एक्सप्रेसवे के बराबर में दो-दो लेन के नेशनल हाईवे और दो-दो लेन की सर्विस रोड पर चल सकते हैं। जबकि डासना से मेरठ के बीच छह लेने के ग्रीन एक्सप्रेसवे पर पूरी तरह से दो पहिया व तीन पहिया वाहन प्रतिबंधित है। एनएचएआई का मानना है कि दो पहिया व तीन पहिया वाहनों के चलने से एक्सप्रेसवे पर अन्य वाहनों की गति सीमा कम हो जाती है। इसके साथ ही सड़क हादसा होने का खतरा रहता है। कई जगहों पर दो पहिया वाहनों की वजह से हादसे भी हुए हैं। इसलिए अब टोल वसूली के साथ ही एक्सप्रेसवे की लेन में प्रतिबंधित वाहनों पर चालान की कार्रवाई को प्रभावित तरीके से लागू करने को कहा गया है। एक्सप्रेसवे पर कुल 130 ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) लगे हैं। इन कैमरों की मदद से चलते हुई गाड़ी की नंबर प्लेट को आसानी से रीड किया जा सकता है। इसके साथ ही एक्सप्रेसवे की लेन में प्रवेश करने वाले दो व तीन पहिया वाहन, गति सीमा से अधिक और यातायात नियम तोड़ने वाले वाहनों की 30 से 50 सेकेंड की स्वयं ही वीडियो फुटेज भी तैयार हो जाती है, जिसकी मदद से आसानी से चालान काटा जा सकता है। अब टोल वसूली शुरू होने से पहले सभी कैमरों की टेस्टिंग शुरू हो गई है। एक्सप्रेसवे के हर प्रवेश और निकासी प्वाइंट पर दो से तीन कैमरे लगे हैं। किसी कारण वश एक कैमरे में गड़बड़ी होती है तो दूसरे कैमरा वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह से नजर रखता है। एक्सप्रेसवे के दूसरे चरण में चिपियाना में बन रहे रेलवे ओवर ब्रिज पर आ वाहनों के आवागमन के लिए दो अतिरिक्त लाइन खोली जा सकती है। यहां पर चार लेने के दो पुराने और 10 लेन के दो नए आरओबी बनाए जाने हैं। इनमें से चार लेन का एक नया आरओबी मेरठ से दिल्ली की तरफ आने वाले वाहनों के लिए सितंबर में खोला जा चुकी है। जबकि कवि नगर इंडस्ट्रियल क्षेत्र की तरफ नया आरओबी बन रहा है। इस बीच पुराने आरओबी में से एक की दो लेन बंद हैं, जिनकी मरम्मत और लेविलंग का काम अंतिम दौर में है। पुराने आरओबी की दो लेन सोमवार से आवागमन के लिए खोली जा सकती हैं। इससे दिल्ली की तरफ से मेरठ व हापुड़ जाने वाले वाहनों को आवागमन में आसानी होगी। जबकि नए आरओबी की चार लेन इसी महीने के अंत तक खोली जानी हैं।
रीजनल नार्थ
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर 25 दिसंबर से लगेगा टोल