कोलकाता । पश्चिम बंगाल में स्थानीय निकायों के चुनाव के बीच भाजपा नेतृत्व के एक वर्ग पर निशाना साधते हुए पार्टी की राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के इस आरोप के पीछे कुछ सच्चाई हो सकती है कि कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के लिए उम्मीदवारों का चयन करते समय धन लिया गया। दक्षिण कोलकाता के एक मतदान केंद्र पर वोट डालने के बाद गांगुली ने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार को शायद सब कुछ पता नहीं है क्योंकि हाल में उनकी नियुक्ति हुई है जबकि दिलीप घोष की ‘पूरी टीम’ अब भी वहीं हैं और उन्हें गलत कामों को रोकना चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोष इससे पहले प्रदेश इकाई के अध्यक्ष थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस आरोप में विश्वास करती हैं कि भाजपा उम्मीदवारों का चयन करते समय टिकट के लिए धन लिया गया, गांगुली ने कहा, ‘मुझे लगता है कि कुछ मामलों में यह शत-प्रतिशत सच हो सकता है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि इस बार केएमसी चुनावों में ऐसा हुआ है, गांगुली ने कहा, ‘हां।’ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पिछले महीने एक ऑडियो क्लिप जारी किया था जिसमें कथित तौर पर एक व्यक्ति को केएमसी चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को नामित करने के लिए पैसे की बातचीत करते हुए सुना गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी टिप्पणियों से पार्टी का अनुशासन भंग हो रहा है, राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वह प्रदेश भाजपा के किसी भी संगठनात्मक पद पर नहीं हैं।
प्रदेश भाजपा की चुनाव समिति की सदस्य होने की बात याद दिलाने पर गांगुली ने कहा, ‘यह एक बेकार समिति है जहां चार व्यक्ति सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं और हमारी केवल उपस्थिति होती है जिनकी एकमात्र भूमिका समोसा खाने और चाय पीने तक की है।’ इससे पहले, गांगुली ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी तब जाहिर की थी जब चुनाव में केएमसी के वार्ड नंबर 86 में भाजपा की एक दिवंगत नेता के पति को उम्मीदवार नहीं बनाया गया। गांगुली ने कहा, ‘मैं भाजपा की वफादार कार्यकर्ता हूं और टीएमसी के आतंक के खिलाफ लड़ूंगी।’
रीजनल ईस्ट
रूपा गांगुली बोली- टीएमसी के आरोप केएमसी टिकट के बदले धन लेने के आरोप में कुछ हद तक सच्चाई संभव