चंडीगढ़ । पंजाब में कांग्रेस का अंतर्कलह भले ही शांत होता दिख रहा है पर इसकी आग अभी पूरी तरह शांत नहीं हुई है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश मुखिया नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है। उन्होंने क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू पर पार्टी के भीतर 'विभाजन पैदा करने' का भी आरोप लगाया। शनिवार को एक रैली में सिद्धू की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तकनीकी शिक्षा मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने उन्हें 'राजनीतिक लालची' करार दिया।
मंत्री ने सिद्धू पर 'सच्चे और पारंपरिक कांग्रेसियों' की वफादारी पर सवाल उठाने का भी आरोप लगाया और कहा कि वह सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के लिए पार्टी में शामिल हुए। राणा ने शनिवार को सुल्तानपुर लोधी में सिद्धू पर पलटवार करते हुए कहा, 'एक सच्चे कांग्रेसी के बारे में बात करते समय सावधान रहें और अपनी भाषा पर ध्यान दें। आप एक लालची सिपाही की तरह हैं जो सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के एकमात्र उद्देश्य से पार्टी में शामिल हुए हैं। जबकि मैं अपने जन्म से ही पार्टी में रहा हूं।' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सिद्धू की अपनी सरकार और मुख्यमंत्री का विरोध करने की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब उनका पर्दाफाश हो गया है। राणा ने सिद्धू से कहा, 'आप खुले तौर पर हमारे मुख्यमंत्री की आलोचना कर रहे हैं क्योंकि आप जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को लेकर ईर्ष्या और असुरक्षित महसूस करने लगे हैं।'
सिद्धू द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह और राणा पर हमला करने के बाद यह बयान आया है कि 'मुझे घर पर बैठने के लिए बनाया गया था। ये किसने किया? वह कैप्टन थे। क्या किसी ने सोचा था कि कैप्टन को हटाया जा सकता था? वह चाहते था कि मेरे लिए दरवाजे बंद हो जाएं। कैप्टन, आप मुझे देखो। मैं गुरु नानक की भूमि पर खड़ा हूं। गुरु ने राजाओं और राणाओं का कार्यकाल समाप्त कर दिया है।' सिद्धू ने पहले भी राणा को मंत्रालय में शामिल करने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन बाद में उन्होंने अब तक सार्वजनिक हमलों का जवाब देने का विरोध किया था।
रीजनल नार्थ
मुख्यमंत्री बनने के स्वार्थ से आए थे सिद्धू, अब कांग्रेस में कर रहे विभाजन : राणा गुरजीत सिंह