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ड्रग्स केस में पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी कभी भी -मामला एनडीपीएस एक्ट की धारा 25, 27 ए व 29 के तहत दर्ज किया है

ड्रग्स केस में पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी कभी भी -मामला एनडीपीएस एक्ट की धारा 25, 27 ए व 29 के तहत दर्ज किया है

पंजाब। पंजाब सरकार की तरफ से इकबाल प्रीत सहोता को हटाकर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को कार्यकारी डीजीपी बनाने के बाद हलचल तेज हो गई है। सोमवार आधी रात को पूर्व मंत्री व शिरोमणि अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स केस को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। ये एफआईआर मोहाली में ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने स्टेट क्राइम पुलिस थाने में दर्ज की है। इस नई हलचल से पंजाब की सियासत में सर्द मौसम में गरमाहट पैदा कर दी है। जानकारी के मुताबिक यह मामला एनडीपीएस एक्ट की धारा 25, 27 ए व 29 के तहत दर्ज किया गया है। इन धाराओं के तहत पुलिस मजीठिया को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। पंजाब पुलिस ने 2013 में हजारों करोड़ के ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया था। मामले में बॉक्सर विजेंदर भी सुर्ख़ियों में रहा था। गिरफ्तार किंगपिन पूर्व डीएसपी जगदीश भोला ने मीडिया के सामने ड्रग रैकेट में मजीठिया के शामिल होने का आरोप लगा कर पंजाब की सियासत में भूचाल ला दिया था। इसके बाद केजरीवाल ने भी मजीठिया पर जम कर निशाने साधे थे। बाद में मानहानि केस में केजरीवाल को मजीठिया से माफ़ी मांगनी पड़ी थी। 
  फिलहाल सिद्धू के पसंदीदा सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के शनिवार को डीजीपी बनाये जाने के बाद पंजाब ड्रग्स मामले में पुलिस की ये पहली बड़ी कार्रवाई है, पंजाब चुनाव प्रचार में लगातार मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू यह दावा कर रहे थे कि जल्द ही ड्रग के बड़े सौदागरों को जेल में डाला जाएगा। सिद्धू ने कुछ दिन पहले अपनी ही सरकार पर ड्रग्स के कारोबार को लेकर तैयार की गई स्टेट टास्क फोर्स की रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि इस रिपोर्ट में बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम भी दर्ज है। एसटीएफ की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को लेकर चन्नी और सिद्धू आमने सामने आ गए थे। जिसके बाद एपीएस देयोल को हटाकर सिद्धू के पसंदीदा एजी बने डीएस पटवालिया ने कहा था कि एसटीएफ रिपोर्ट को खोलने पर हाईकोर्ट की कोई रोक नहीं है। इसी बीच पंजाब का कार्यकारी भी सिद्धू के ही पसंदीदा  सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को लगाया गया है। जिन्होंने पदभार संभालते ही ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की वचनबद्धता दोहराई थी। शिरोमणि अकाली दल ने सरकार के इस कदम को राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताया है। अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि चन्नी सरकार मजीठिया को जानबूझ कर इस मामले में फंसा रही है। बीते माह अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने नवजोत सिंह सिद्धू पर कई बड़े आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स तस्करी के झूठे मामले में केस दर्ज करवा कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब पुलिस पर दबाव बना रहे हैं।
 

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