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मौजूदा वैक्सीन में मामूली फेरबदल से मिलेगी सुरक्षा: डाक्टर गुलेरिया

मौजूदा वैक्सीन में मामूली फेरबदल से मिलेगी सुरक्षा: डाक्टर गुलेरिया

नई दिल्ली ।  कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मौजूदा वैक्सीन को मात देने की क्षमता को लेकर फैले डर और आशंका के बीच दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डा। रणदीप गुलेरिया का बयान कुछ राहत देने वाला है। डा. गुलेरिया का कहना है कि मौजूदा वैक्सीन में मामूली फेरबदल कर उसे नए वैरिएंट के खिलाफ कारगर बनाया जा सकता है। यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जहां तक ओमिक्रोन की गंभीरता का सवाल है तो इसको लेकर अगले कुछ हफ्ते बेहद अहम हैं। नए आंकड़ों से ही पता चल सकेगा कि यह कितना गंभीर संक्रमण फैलाता है। डा। गुलेरिया ने कहा, 'हालांकि, यह कोरोना का नया वैरिएंट है, लेकिन आशा की किरण यह है कि यह हल्का संक्रमण कर रहा है और जहां तक वैक्सीन की बात है तो इससे हमें सुरक्षा मिलनी चाहिए। मैं समझता हूं कि मौजूदा वैक्सीन में फेरबदल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें यह ध्यान में रखना होगा कि हमारे पास नई पीढ़ी के टीके होंगे। मौजूदा वैक्सीन प्रभावी हैं लेकिन नए वैरिएंट के खिलाफ इनकी प्रतिरक्षा कम हो सकती है। परंतु, इनमें मामूली फेरबदल कर इस वायरस के नए वैरिएंट के खिलाफ प्रतिरक्षा हासिल की जा सकती है। डा. गुलेरिया ने कहा कि हर साल नई इन्फ्लुएंजा वैक्सीन का उत्पादन दिखाता है कि वायरल में बदलाव के लिहाज से बनाए रखने के लिए मौजूदा वैक्सीन को ही अपडेट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वाईवैलेंट कोरोना वैक्सीन विकसित करने पर विज्ञानी काम कर रहे हैं। वाईवैलेंट वैक्सीन वह होती है जो अलग-अलग एंटीजन के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान करती है। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, 'मान लीजिए कि डेल्टा वैरिएंट और वीटा वैरिएंट को एक वैक्सीन में मिला दिया जाता है जो एक वाईवैलेंट वैक्सीन बनाती है। डा. गुलेरिया ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि ओमिक्रोन से उन लोगों के संक्रमित होने का खतरा अधिक है जो पहले किसी अन्य वैरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए अभी और आंकड़ों की जरूरत है। इसी तरह ओमिक्रोन से गंभीर संक्रमण के बारे में जानने के लिए भी हमें और आंकड़ों का इंतजार करना होगा। एम्स के निदेशक ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट आते रहेंगे और उनसे निपटने के लिए हमें तैयार रहना होगा। नए वैरिएंट तेजी से फैलने वाले भी होंगे। ऐसे में अगर हम कोरोना से बचाव के उचित व्यवहारों को छोड़ते हैं तो यह और तेजी से फैलेगा। उन्होंने कहा कि सामने आ रहे नए वैरिएंट को देखते हुए जीनोम सीक्वेंसिंग का महत्व और बढ़ गया है। बदलते हालात को देखते हुए बड़े पैमाने पर जीनोम सीक्वेंसिंग करने की आवश्यकता है।
 

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