बीजिंग । चीन में अगले साल होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों के जरिये राजनीति भी गहरा गयी है। जहां एक और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों ने मानवाधिकार के मामले को लेकर इन खेलों का राजनयिक बहिष्कार करने की घोषणा की है। वहीं दूसरी ओर चीन के समर्थन में रूस उतरा है। ऐसे चीन को रूस का साथ मिला है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन फरवरी में चीन में होने वाले इन खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के साथ ही चीनी राष्ट्रपति से भी मिलेंगे। वहीं चीनी मीडिया ने अब कहा है कि इन खेलों से पहले अमेरिका उसके खिलाफ जानबूझकर माहौल बना रहा है। साथ ही कहा कि साल 2008 में भी ओलंपिक से पहले चीन के खिलाफ शिनजियांग को लेकर माहौल बनाया गया था। पुतिन ने कहा कि बीजिंग में होने वाले इन खेलों में वह मौजूद होंगे। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी पुतिन का साथ पाकर उत्साहित हैं। वहीं इस मामले में अब तक तो भारत ने शीतकालीन ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में समर्थन की बात कही है पर आने वाले समय में इसमें बदलाव आ सकता है क्योंकि दोनो के बीच सीमा पर तनाव के हालात बने हुए हैं। जिसको देखते हुए भारत सरकार भी कोई सख्त कदम उठाकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर सकती है।
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शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार के बीच ही चीन को मिला रुस का साथ