नई दिल्ली । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने बुधवार को चेतावनी दी कि अमीर देशों में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएट से बचने के लिए बूस्टर डोज टीकाकरण तेजी से चलाया जा रहा है लेकिन, दुनिया का कोई भी देश इस महामारी से बाहर निकलने का रास्ता नहीं बना सकता। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा कि प्राथमिकता होनी चाहिए कि मौतों को कम किया जाए और सभी देशों को न्यूनतम टीकाकरण लक्ष्यों को पूरा करने में मदद की जाए जो अभी भी कई देशों तक नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने और होने वाली मौतों का अधिकांश हिस्सा बिना टीकाकरण वाले लोगों में है, न कि बिना बूस्ट वाले लोगों में। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस ने कहा कि कोरोना के खिलाफ टीके बेहद कारगर हैं इसी वजह से इस साल कई लोगों की जान बच सकी। लेकिन जो कई लोग मारे गए, वे वैक्सीन की कम उपलब्धता या वैक्सीन न लगने के कारण मरे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में दुनिया ने 35 लाख लोगों को कोरोना महामारी के कारण खो दिया। उन्होंने कहा, "हम सभी को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन बेहद संक्रामक है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने इस साल के अंत तक बूस्टर डोज पर रोक लगाने और असमान वैश्विक वैक्सीन वितरण बढ़ाने पर जोर देने का आह्वान किया। उन्होंने बुधवार को एक ऑनलाइन समाचार सम्मेलन में कहा कि हर दिन दी जा रही वैक्सीन की लगभग 20% खुराक वर्तमान में बूस्टर में खर्च हो रही है। टेड्रोस ने कहा, "बूस्टर प्रोग्राम चलाने वाले देशों को वैक्सीन की आपूर्ति को समाप्त करने के बजाय बूस्टर डोज को समाप्त करना चाहिए। जिनके पास पहले से ही उच्च स्तर का टीकाकरण कवरेज है, उसे जरुरतमंद देशों की मदद में लाना चाहिए।" टेड्रोस ने कहा, "हमें बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि हमारे पास जो टीके हैं, वे डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों प्रकारों के खिलाफ प्रभावी हैं।" उन्होंने कहा, ''वैश्विक प्राथमिकता सभी देशों को 40% लक्ष्य तक जल्द से जल्द पहुंचने पर है और 2022 के मध्य तक 70% लक्ष्य पूरा किया जाना जरूरी है। आशा है कि 2022 इस महामारी को समाप्त कर देगा।
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बूस्टर डोज नहीं दोनों खुराकों पर ही देना चाहिए ध्यान: डब्ल्यूएचओ